आत्मा को कोहिनूर बनाने का समय है पर्युषण महापर्वः साध्वी अणिमाश्रीजी

मुंबई। साध्वी श्री अणिमाश्रीजी एवं साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल के विशाल हॉल में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ समायोजित हुआ। अध्यात्म के इस महापर्व पर विशाल परिषद ने अध्यात्म का अमृत पान कर अमरत्व के सूत्र प्राप्त किए। साध्वी श्री अणिमा श्रीजी ने अपने ओजस्वी उदबोधन में कहा शरीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए सौन्दर्य को अभीवर्धित करने के लिए व चिर यौवन के लिए खास संयम जरूरी है। भावो की पवित्रता एवं मन की निर्मलता के लिए खाद्य संयम जरूरी है। चिंतन की गंभीरता व विचारों की शुभ्रता के लिए खाद्य संयम जरूरी है। अन्न जीवन का आधार है । सीमा में लिया गया आहार व्यक्ति को शक्ति देता है, पर जरूरत से ज्यादा लिया आहार आलस्य पैदा करता है। आलस्य कर्मजा शक्ति का हास्य करता है, इसलिए खाद्य संयम अपेक्षित है। साध्वी श्रीजी ने जयाचार्य निर्वाण दिवस पर रोचक इतिवृत्त की प्रस्तुति देते हुए कहा प्रज्ञापुरुष जयाचार्य ने अपनी प्रज्ञा से तेरापंथ धर्मसंघ को नई पहचान दी। सदियां श्री चरणों मे चिर ऋणी रहेगी।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने पर्युषण की महत्ता पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा बहिर्जगत से अन्तर्गत की ओर प्रस्थान करने का अपूर्व अवसर है पर्युषण । हमारे भीतर आनन्द का खजाना भरा पड़ा है। लेकिन हम उसको बाहर ढूढ रहे है। अंतर्मुखी बनकर आनंद का खजाना प्राप्त करे, पर्युषण पर्व की तभी सार्थकता सिद्ध होगी। साध्वी श्री कर्णिका श्रीजी ने जीवन पोथी में स्वर्णासर अंकित कर जीवन की सार्थक बनाने की प्रेरणा दी। साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा पर्युषण का यह समय कर्मो के कचरे से काली बनी हुई इस आत्मा को कोहिनूर बनाने का समय है। आत्मा को आबदार , चमकदार, उज्ज्वल, पवित्र व निर्मल बनाने का समय है। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने मंच संचालन करते हुए कहा आध्यात्म के इस अलौकिक महापर्व पर हमे अपने जीवन की बगिया अध्यात्म के सुमनों से सुवासित कर संम्पूर्ण जीवन को सौरभमय बनना है। साध्वी समतव्यशाजी ने उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन करते हुए महावीर वाणी का सुधा पान करवाया। दक्षिण मुंबई महिला मंडल ने मंगल संगान किया। साध्वी वृन्द ने खाद्य संयम दिवस पर सुंदर गीतिका का संगान किया। यह जानकारी दक्षिण मुंबई मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *