मुंबई। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल के प्रवचन हॉल में मासखमण तपस्वी सचिन बोथरा सिद्धितप तपस्वी जितेन्द्र सालेचा, राखी सालेचा, ग्यारह दिन तपस्वी पुष्पा कर्णावट , कंठी तप तपस्वी, कंचन कर्णावट अढ़ाई में रत पवन धोका मोनिका जैन का तप अनुमोदना का भव्य कार्यक्रम समायोजित हुआ। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरक उदबोधन में कहा अन्तर्मुखी चेतना का जागरण करती । तपस्या जीवन मे समता का अवतरण करती है। तपस्या भवसागर से पार उतरने का सशक्त आलम्बन है। तपस्या बरसाती मौसम में तपस्या करने वाले तपस्वी अपने जीवन के आस पास हरितियो से संपृक्त होकर अध्यात्म के रस से तृप्त हो जाते है। दीर्ध तपस्याओं के क्रम में मासखमण सिद्धितप , कंठितप की विशिष्ट महाता है। मजबूत मनोबल संकल्प बल , सुदृढ़ मनोबल, चरित्रात्माओ की प्रेरक ऊर्जा और पारिवारिक जनों का आत्मीय सहयोग तप की सफलता के सोपान बन जाते है। भाई सचिन ने मासखमण कर जितेंद्र व राखी ने सजोडे सिद्धितप कर हद हिम्मत का परिचय दिया। कंचन ने कंठितप कर पुष्पा ने ग्यारह व पवन व मोना ने उठाई का प्रत्याख्यान कर तप का हार पहना है। तपस्या के पथ पर गतिमान इन चरणों की अनुमोदना महान कर्म निर्जरा का साधन बनती है। तपस्या के बाद खाद्य संयम की साधना होती रहे मंगलकामना । साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा आज इस परिषद में तप अनुमोदना तप प्रेरणा और तप की तेजस्विता का मानो साक्षात्कार हो रहा है। तप के द्वारा तपस्वी अपने मन को निर्मल भावो को पवित्र व शरीर को स्वस्थ बना सकता है। तपस्वी तप के क्षेत्र में गति प्रगति करते रहे।
कालबादेवी में मासखमण सिद्धि तप व कण्ठी तप अनुमोदना कार्यक्रम
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