धारचूला:उत्तराखंड के नजंग और मालपा के बीच बोल्डर आने से कैलास मानसरोवर मार्ग 40 घंटे से बंद है। प्रमुख सड़क के बंद होने से दो हजार से अधिक की आबादी का शेष दुनिया से सड़क संपर्क कट गया है। जिससे लोगों को भारी दिक्कत झेलनी पड़ रही है। प्रवास पर गए उच्च हिमालयी क्षेत्रों से वापस लौट रहे लोगों के लिए भी बंद सड़क चुनौती खड़ी कर रही है।
नजंग और मालपा के बीच सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। शुक्रवार को सड़क निर्माण के दौरान पहाड़ी से मलबा आने से यह सड़क बंद हो गई थी। लंबा समय बीतने के बाद भी सड़क पर आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है। प्रमुख सड़क के बंद होने से क्षेत्र के रौंगकौंग, नाभी, कुटी, गुंजी, बूंदी, गब्र्यांग, नपल्चू सहित कई गांवों का शेष दुनिया से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। लंबे समय तक आवाजाही बाधित होने से क्षेत्र में जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है।
बावजूद इसके लोगों की परेशानियों को नजरंदाज कर सड़क निर्माण की कार्यदायी संस्था ग्रिफ सड़क खोलने के काम में तेजी नहीं ला रही है। हालांकि ग्रिफ सड़क खोलने के प्रयास कर रही है। लेकिन कार्य की गति धीमी होने से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। लोगों ने शीघ्र सड़क खोलने की मांग की है। इस संबंध में ग्रिफ के अधिकारियों के साथ संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण संपर्क नहीं हो सका।
लोगों को प्रवास से लौटने में हो रही है दिक्कत
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। बर्फबारी शुरू होते ही प्रवास पर अपने पैतृक गांव गए लोगों का वापस धारचूला लौटना शुरू हो गया है। धारचूला पहुंचने के लिए आवाजाही की एकमात्र सड़क के बंद होने से व्यास घाटी के सात गांवों को वापस लौटने के लिए दिक्कत हो रही है। आपदा से बदहाल हो चुके रास्ते भी लोगों के लिए चुनौती खड़ी कर रहे हैं।