जेटीएन के राष्ट्रिय अधिवेंशन का शुभारंभ, अनेक वक्ताओं ने मंगलभावना के क्रम में व्यक्त की कृतज्ञता 08-11-2019 शुक्रवार , कुम्बलगोडु, बेंगलुरु, कर्नाटक। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता.शांतिदूत.अहिंसा यात्रा के प्रणेता.महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अपने मंगल प्रवचन में रायपसेणियं ग्रंथ से उद्बोधित करते हुए कहा कि परदेसी राजा अपने मन में जिज्ञासा लेकर कुमारश्रमण केशी के पास जाता है तो मुनि उसकी जिज्ञासा को उसके पूछने से पहले ही मनःपर्यय ज्ञान के आधार पर बता देते हैं। राजा परदेसी और कुमारश्रमण केशी के बीच शरीर और आत्मा के भिन्नता.अभिन्नता और नास्तिकवाद . आस्तिकवाद विषय पर चर्चा को आचार्य प्रवर ने अपनी विशिष्ट शैली में श्रावकों को सुना कर मंत्रमुग्ध किया।
आचार्य प्रवर ने जैन तेरापंथ न्यूज के पांचवें राष्ट्रीय अधिवेशन पर उपस्थित संभागीयों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रामाणिकता का महत्व होता है और मीडिया के क्षेत्र में काम करने वाले सभी व्यक्तियों को न्यूज़ की प्रामाणिकता को ध्यान में रखकर उसको प्रसारित करना चाहिए। आचार्य प्रवर ने समाचारों के तीन प्रकार उपयोगी अनुपयोगी और दुरुपयोगी बताते हुए कहा कि दुरुपयोगी तो किसी भी हालत में प्रसारित नहीं करना चाहिए। और अनुपयोगी से संभवत बचना चाहिए। केवल उसी समाचार को प्रसारित करना चाहिए जो सभी के लिए उपयोगी और हितकर हो। कोई भी समाचार प्रसारित करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की अवश्य जानकारी कर लेने की प्रेरणा दी।
जेटीएन के कार्यकारी संपादक श्री धर्मेंद्र डाकलिया ने जेटीएन की गति प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की। साध्वीवर्या संबुद्धयशाजी ने अपने प्रवचन में सम्यकत्व के चतुर्थ लक्षण अनुकंपा के विषय में बताते हुए कहा कि प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव अनुकंपा होती है और इससे धर्म का बीज फलवान होता है। अनुकंपा के दो प्रकार होते हैं प्रथम सावद्ध अनुकंपा जिसके अन्तर्गत प्राण रक्षक मुलक दयाए किसी की रक्षा करनाए सेवा करनाए सामाजिक कार्य करना आते हैं। और निरवद्ध अनुकंपा में पाप आचरण से आत्मरक्षा करना सम्यक ज्ञानए दर्शनए चरित्र वृद्धि में सहयोग करना इसके अंतर्गत आते हैं।
आचार्य महाश्रमण चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति की तरफ से कृतज्ञता ज्ञापन करने के क्रम में संजय धारीवालए श्रीमती शांति सकलेचाए विजय सिंह भुतोङियाए संपत चावतए शांतिलाल बोराणाए सज्जन पीतलीयाए कांतिलाल पीपाड़ा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आज तक न्यूज़ चैनल से श्री हिमांशु कोठारी ने अपने विचार व्यक्त किये एवं आशीर्वाद ग्रहण किया। प्रवास व्यवस्था समिति के तरफ से उनका सम्मान भी किया गया।
मीडिया के क्षेत्र में रखें प्रामाणिकताः आचार्य महाश्रमण
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