ऊर्जा का स्त्रोत है नारी – मुनि जिनेश कुमार
पुणे। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी एवं मुनि श्री परमानंदजी (ठाणा 2) के सानिध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में पश्चिम महाराष्ट्र स्तरीय विराट महिला सम्मेलन का आयोजन स्वयंवर मंगल कार्यालय में स्थानीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रीय अध्यक्षा कुमुद कच्छारा विशेष रुप से उपस्थित थे। ट्रस्टी शांता जी पुगालिया, कार्यकारिणी सदस्या निर्मला जी चंडालिया, कांता जी तातेड़ ,जयश्री जोगड़ सम्माननीय अतिथि के रुप में उपस्थित थे। इस सम्मेलन में पुणे, पिंपरी चिंचवड, इचलकरंजी, जयसिंगपुर, औरंगाबाद, सांगली, माधवनगर शाखा मंडलों से लगभग 200 महिलाओं ने हिस्सा लिया।
प्रथम सत्र में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा सामाजिक एवं धार्मिक चेतना के जागरण का सशक्त माध्यम है। संगठन में शक्ति होती है। शक्ति के अभाव में, दायित्वबोध के अभाव में अच्छा संगठन भी तिनकों की तरह बिखर जाता है। उद्देश्य और दायित्व बोध के साथ चलने वाला छोटे से छोटा संगठन भी आकाश व्यापी ऊंचाइयों को प्राप्त हो सकता है। संगठन में ऊर्जा का विकास बहुत जरूरी है। ऊर्जा के विकास के लिए भावक्रिया, जागरूकता, वर्तमान में जीना, मैत्री आदि का होना जरूरी है। नारी ऊर्जा का स्त्रोत है। मुनि श्री ने आगे कहा – नारी समाज की धुरी है। नारी ममता का मंदिर, दिल का दरिया, विनय का वैभव, समर्पण की साधना है। उसका दर्जा गौरवपूर्ण है। तेरापंथ महिला मंडल एक सशक्त संगठन है।
कार्यक्रम की शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल पुणे की बहनों के द्वारा तुलसी अष्टकम के संगान से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ महिला मंडल पुणे की अध्यक्ष सुमन मरलेचा ने दिया। स्वागत गीत तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुनि परमानंद कहा – हर व्यक्ति में मानसिक ऊर्जा का विकास होना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमुद कच्छारा ने कहा – नारी बड़ी शक्ति है। नारी शक्ति का दूसरा स्वरूप है। नारी अपनी क्षमताओं को पहचानने और अपने भीतर की ऊर्जा को जगाए। ट्रस्टी शांता बलिया ने कहा आचार्य तुलसी ने नारी शक्ति को जागृत किया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री रुचि पुगलिया ने किया।
द्वितीय सत्र
सम्मेलन के द्वितीय सत्र का शुभारंभ पिंपरी-चिंचवड तेरापंथ महिला मंडल की बहनों के मंगलाचरण से व पुणे महिला मंडल बहनों ने संकल्प गीत प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमुद कच्छारा ने “संवाद अपनों से” मे संवाद करते हुए बहनों को मार्गदर्शन दिया। जय श्री जोगड़, कांता तातेड़ ने अपने विचार रखे। संचालन शोभा सुराणा ने किया।
तृतीय सत्र
कार्यक्रम का शुभारंभ इचलकरंजी तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण प्रस्तुत कर किया। निर्मला चिण्डालिया, राष्ट्रीय अध्यक्षा कुमुद कच्छारा ने महिलाओं को मार्गदर्शन देते हुए अपने विचार रखें। कन्या मंडल व महिला मंडल की बहनों ने प्लास्टिक बेन पर सुंदर नाटिका प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथि डॉ. सोनाली गांधी ने कैंसर जागरूकता पर अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत मंडलों का स्मृति चिह्न द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुनि श्री जिनेश कुमार ने कहा – मनुष्य के भीतर अनंत ऊर्जा है। उस पर आवरण आया हुआ है। उस आवरण को सम्यक, ज्ञान, दर्शन, चरित्र, तप के द्वारा हटाने पर अलौकिक ऊर्जा का प्रकटीकरण हो सकता है। महिला मंडल ने ऊर्जा सम्मेलन का आयोजन कर जागृति के का वातावरण निर्मित किया है। इस अवसर पर मुनि श्री ने प्रश्न उत्तर से नवबोध प्रदान किया। इस अवसर पर उपासक गौतम वेदमुथा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन पुष्पा कटारिया ने आभार ज्ञापन रुचि पुगलिया ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ महिला मंडल के अतिरिक्त तेरापंथ युवक परिषद का भी सराहनीय योगदान रहा।