गुजराती फिल्म ‘रघु सीएनजी’ एक क्राइम थ्रिलर फिल्म है। जिसमें प्यार के साथ ही नफरत की ऐसी कहानी रची गई है जो बस अपने भाई की मौत का इंतकाम लेना चाहता है। लेकिन कहते हैं जहां प्यार होता है वहां नफरत भी धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो जाती है, खैर वह इतना आसान तो नहीं होता। तमाम पड़ाव, दर्द का एहसास कराते हुए अपने मुकाम तक पहुंचता है। ऐसी ही एक खूबसूरत कहानी है 18 अक्टूबर को रिलीज हुई गुजराती फिल्म ‘रघु सीएनजी’ की।
कहानीः गुजरात का एक ऑटो ड्राइवर रघु (ईथान) जो एक अन्य ऑटो ड्राइवर को ईंट से मारकर हत्या कर देता है और ट्रेन से उतरे एक पैसेंजर धवल पंभर (जगजीत सिंह वाधेर) को बेहोश करके किडनैप कर लेता है। वह सलमान खान का फैन भी है। फिर एक दिन बाद विदेश से आई एक लड़की भूमि जोशी (सरवर्य जोशी) को भी किडनैप कर लेता है। खास बात यह है कि रघु इनको सोशल मीडिया के जरिए फॉलो करते हुए किडनैपिंग को अंजाम देता है। दोनों को एक टूटे-फूटे घर में ले जाकर कैद करता है। जहां दोनों को टार्चर करता है। जब वह वहां पहुंचता है तो अलग-अलग ढंग से दोनों धमकाता है। जब वह पूछते हैं कि उन्हें क्यों लाया गया है तो नहीं बताता। इस बीच रघु की अनुपस्थिति में एकांत में बंद धवल व भूमि इस दुख की घड़ी में एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। इधर पुलिस दोनों के परिजनों द्वारा पुलिस में इनकी गुमशुदगी का मामला दर्ज करवा जाता है लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिलता, क्योंकि 4 दिन बीत जाने के बाद भी फिरौती के लिए दोनों के घर कोई फोन नहीं आता। मामला काफी जटिल हो चुका है। रघु किडनैपिंग की वजह अपने छोटे भाई सुबोध के जन्मदिन पर बताता है, जो पहले ही आत्महत्या कर चुका है। सुबोध को रघु ने बड़े ही लाड़-प्यार से पढ़ाया-लिखाया था। उसके जन्मदिन पर धवल व भूमि को किडनैपिंग की वजह बताकर चला जाता है और कहता है अब जल्द ही दोनों को मार देगा। इस दौरान दोनों की गुहार सुनकर एक भेड़ चरवाहा इन्हें छुड़ाने जाता है तो रघु उसी समय पहुंच जाता है और उसकी भी पत्थर मारकर हत्या कर देता है। आखिर रघु इनका किडनैप क्यों करता है? उसके छोटे भाई से इन दोनों का क्या संबंध है। इंतकाम के बीच प्यार कैसे पनपता है? रघु इन्हें मार पाता है कि नहीं? पुलिस रघु तक पहुंच पाती है कि नहीं? यह सब जानने के लिए एक बार थिएटर जाकर इस खूबसूरत क्राइम थ्रिलर को जरूर दखें। आपको भी काफी अच्छा लगेगा, साथ ही एक शिक्षा लेकर लौटेंगे।
निर्देशन/एक्टिंग/गीतः फिल्म का निर्देशन विशाल वडा वाला ने किया है। फिल्म को अच्छी बनाने में निर्देशक की अहम भूमिका है। सनकी टाइप अपराधी रघु के किरदार में इथान ने बहुत ही उम्दा एक्टिंग की है। जगजीत और सरवर्य ने धवल व भूमि के किरदार को ठीक-ठाक निभाया है। हालांकि पूरी फिल्म में इथान सब पर भारी पड़े हैं। फिल्म का लोकेशन गुजरात के स्टेशनों, सड़कों और दूर-दराज इलाके का है, जो फिल्म को और भी खूबसूरत बनाते हैं। फिल्म का लेखन जय परमार व संजय मरवानिया ने किया है। फिल्म के गाने ठीक ठाक हैं, एक रोमांटिक सांग है जो धवल व भूमि पर फिल्माया गया है।
कुल मिलाकर गुजराती सिनेमा काफी समृद्ध इसलिए है, क्योंकि वहां काफी अच्छी फिल्में बनती हैं। यह फिल्म देखने के बाद आपको इस बात का एहसास होगा कि विषय वस्तु के मामले में भी गुजराती सिनेमा काफी आगे है। फिल्म अच्छी बन पड़ी है जो 18 अक्टूबर को रिलीज भी हो चुकी है। गुजरात सहित मुंबई के भी कई सिनेमाघरों में लगी है। एक बार जरूर देखें। परिवार के साथ देखने लायक फिल्म है।
सुरभि सलोनी की तऱफ से ‘रघु सीएनजी’ को 3.5 स्टार।
– दिनेश कुमार [email protected]
फिल्म रिव्यूः नफरत की आग को प्यार का दिया दिखाता गुजराती ‘रघु सीएनजी’
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