मुंबई:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से मैदान में हैं। इस तरह से उन्होंने उस पुरानी परंपरा को तोड़कर सीधे जनता के बीच में जाने का फैसला किया। आदित्य दक्षिण पूर्व मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से नामांकन भी कर चुके हैं और प्रचार में भी जुट गए हैं। अब आदित्य ठाकरे ने हिन्दी समाचार पत्र ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ से बातचीत में एक अहम सवाल का जवाब दिया है।
आदित्य ठाकरे से सवाल किया गया कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में अपनी पहचान को बनाए रखने की शिवसेना की क्या योजना है? पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन में कम सीटों को स्वीकार किया। इस सवाल के जवाब में आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना अपनी पहचान बनाए रखेगी। पिछले पांच दशकों से हमारी पहचान मजबूत है। राजनीति में कई उथल-पुथल आए, हमने उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस दौरान हमे कई अकटलों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन हर चुनाव हमारी पार्टी के लिए लिटमस टेस्ट रहे और हम इसके माध्यम से आए।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि लोग शिवसेना के साथ आते हैं क्योंकि उनका विश्वास शिवसेना के साथ है। हमारे बीच में सीट का बंटवारा हमारे साझा लक्ष्यों और हमारी वफादारी और दोस्ती के प्रति प्रतिबद्धता को साबित करता है। यह शिवसेना के लिए कोई समझौता नहीं है। हम साथ हैं…बात यह है कि हम भाई हैं। अब हम युवा, यूथ के समीकरण में छोटे भाई हैं। एक पार्टी के रूप में हमने एक प्रमुख सिद्धांत को अपनाया है। हम (बीजेपी और शिवसेना) महाराष्ट्र के लिए एक साथ हैं।
वही ठाकरे परिवार के सदस्य के रूप में पहली बार चुनाव लड़ने के सवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि मैं चुनाव लड़ने वाला पहला ठाकरे हूं, लेकिन मेरी भावना किसी भी शिव सैनिक के चुनाव लड़ने की तरह ही है। मैंने चुनाव में उतरने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरे लिए सही समय है। मुझे पूरे महाराष्ट्र का दौरा करने में 9 साल लग गए। मुद्दों को समझने, समाज के साथ बातचीत और राजनीति के बारे में मेरी अपनी धारणा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014 के आंकड़े
बता दें कि साल 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 122 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। भाजपा ने पहली बार महाराष्ट्र में इतनी सीटें हासिल की थीं। वहीं, कांग्रेस 42 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गई। इसके अलावा, शिवसेना 63 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रहने वाली पार्टी थी। शरद पवार की राकांपा को 41 सीटें मिली थीं।
शिवसेना छोटे भाई की तरह है लेकिन अपनी पहचान बनाए रखेगी:आदित्य ठाकरे
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