मथुरा:श्रीकृष्ण जन्म को ब्रज तैयार है। घर-घर में उल्लास का माहौल है, जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। सोमवार को कृष्ण कन्हैया जन्म लेंगे। यहां आलौकिक छटा निखर कर आ रही है। मंदिर हों या घाट, बाजार हों या घर हर जगह जन्माष्टमी की धूम है। भगवान श्रीकृष्ण सोमवार की रात को जन्म लेंगे। द्वापर के बाद वैसे ही योग बने हैं। इधर कृष्ण जन्माष्टमी के साक्षी बनने को बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पहुंच चुके हैं। मथुरा-वृंदावन के साथ ही आसपास के होटल भी बुक हो चुके हैं। अभी भी सोमवार को जन्माष्टमी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए श्रद्धालुओं के यहां आने का सिलसिला जारी है।
जन्माष्टमी के मंदिरों के कार्यक्रम..
श्रीकृष्ण जन्मभूमि
श्री कृष्ण जन्मभूमि में रात 11.00 बजे से नवग्रह पूजन होगा। 11.35 बजे तक सहस्त्र अर्चन (कमल पुष्प एवं तुलसी दल से) होगा। 11.59 बजे प्राकट्य दर्शन हेतु पट बंद होंगे। रात्रि 12.00 बजे प्राकट्य दर्शन होंगे। 12.10 बजे प्राकट्य आरती होगी। 12.15 बजे से 12.30 बजे तक जन्म महाभिषेक होगा। रात 12.40 से 12.50 बजे तक शृंगार आरती और रात्रि 1.28 से 1.30 बजे तक शयन आरती होगी।
द्वारिकाधीश मंदिर
पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के द्वारिकाधीश मंदिर में सोमवार सुबह 6.30 बजे भव्य पंचामृत अभिषेक होगा। सुबह 6.30 बजे मंदिर के मुखिया ज्वारा ठाकुर जी का भव्य पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि इस पंचामृत में दूध, दही, शहद, बूरा और घी का प्रयोग किया जाएगा। इसके पश्चात सुबह 8.30 बजे भव्य शृंगार के दर्शन होंगे। इसके बाद मंदिर बंद हो जाएगा। शाम 7.00 बजे से उत्थापन, भोग, संध्या, आरती के दर्शन होंगे। रात्रि 11.45 बजे जन्म के दर्शन होंगे। यह दर्शन 12.00 बजे तक होंगे।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर
ठा.बांकेबिहारी मंदिर में सोमवार रात्रि 11.30 बजे मंदिर के चबूतरे पर श्रीकृष्ण जन्म की कथा होगी। मध्य रात्रि 12 बजे बिहारीजी का अभिषेक (दर्शन नहीं) होगा। रात्रि 1.55 बजे वर्ष में एक बार होने वाली मंगला आरती होगी। इसके बाद दो बजे से सुबह 5.30 बजे तक प्रभु दर्शन देंगे।
ठा. राधारमण मंदिर
ठा.राधारमण मंदिर में प्रभु का 21 किलो दूध, 54 तरह की महौषधियों से अभिषेक होगा। प्रात: नौ से 12 बजे तक अभिषेक के पश्चात दोपहर एक से दो बजे, शाम 5.30 बजे से रात 10 बजे तक प्रभु भक्तों को दर्शन देंगे।
इस्कॉन मंदिर
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर इस्कॉन में सोमवार को दिन में ठाकुर श्रीकृष्ण बलराम को विशेष प्रकार का भोग लगाया जाएगा। रात्रि को 10 बजे से 12 बजे तक ठाकुरजी के जन्म का महाभिषेक कराया जाएगा।
द्वापर के सभी योग हैं इस समय
ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी कहते हैं द्वापर युग के योग भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि, निशीथ वेला, उच्च राशि के चंद्रमा, वृष राशि के चंद्रमा, सिंह राशि के सूर्य, मंगल मकर राशि और शुक्र तुला राशि के ठीक वैसे ही हैं। कामेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2024 में स्मार्त और वैष्णव दोनों की जन्माष्टमी एक ही दिन 26 अगस्त को होगी। अन्यथा स्मार्त और वैष्णव की अलग-अलग जन्माष्टमी होती रही है। स्मार्त की पहले और वैष्णवों की जन्माष्टमी बाद में होगी।
जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने संभाली जन्माष्टमी की व्यवस्थाएं
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रविवार से श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान परिसर के अंदर और बाहर जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने अपनी व्यवस्थाएं संभाल ली हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए जुटने वाली भीड़ को देखते हुए कृष्ण जन्मस्थान क्षेत्र को 3 जोन और 13 सेक्टरों में बांटा गया है। ब्रीफिंग में डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने मजिस्ट्रेटों व पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, घर-घर में सजे कान्हा
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