मुकेश सिंह।।
ऊर्जा के लिए कोयले के उपयोग के दिन अब गिने-चुने हैं। आठ साल के बाद कोयले की जगह वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत पर निर्भरता बढ़ने लगेगी। भारत समेत दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में 2027 तक कोयला बिजली उत्पादन का प्राथमिक स्रोत रहेगा। इस अवधि के दौरान कोयले के उत्पादन और उपयोग में वृद्धि होती जाएगी। 2027 में कोयला का उत्पादन और उपयोग शीर्ष पर होगा। लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट आने लगेगी। जिस अनुपात में कोयले में कमी आएगी, उसी अनुपात में वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत बढ़ते जाएंगे। खासकर सौर और पवन ऊर्जा के। यह खुलासा इंटरनेशनल एनर्जी रिसर्च एवं कंसलटेंसी वुड मैकेंजी की ताजा स्टडी रिपोर्ट में हुआ है। कोल इंडिया ने वुड मैकेंजी की रिपोर्ट को ट्वीट भी किया है।
भारत में सौर ऊर्जा सस्ती
मालूम हो कि पेरिस क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस के बाद दुनिया के विकसित देश फासिल फ्यूल (कोयला) के इस्तेमाल को कम कर रहे हैं। वहीं भारत समेत दक्षिण-पूर्व एशिया में कोयला का उत्पादन बढ़ रहा है। यह प्रवृत्ति 2027 तक रहेगी। वुड मैकेंजी की रिपोर्ट में इसका भी जिक्र है कि आस्ट्रेलिया में कैसे कोयले की जगह गैसीय ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा है। भारत में कम कीमत पर सौर ऊर्जा का जिक्र करते हुए कहा गया है कि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में यह सस्ती है। आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा की क्षमता बढ़ेगी। रिपोर्ट में भारत में पारंपरिक ऊर्जा स्रोत की संभावना के साथ-साथ सीबीएम (कोल बेड मीथेन) की भी संभावना पर चर्चा है।
भारत बनेगा मार्केट लीडर
आस्ट्रेलिया में कोयला और सौर ऊर्जा से तैयार बिजली की कीमतों में प्रतिद्वंद्विता की ओर संकेत कर यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे कोयले की तरह अन्य ऊर्जा स्रोत कम कीमत पर मिलने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत दक्षिण पूर्व एशिया में पारंपरिक ऊर्जा की कम कीमत की वजह से मार्केट लीडर की तरह उभर रहा है। हालांकि अभी 2027 तक भारत कोयला पर निर्भर रहेगा। इसके बाद स्थिति बदलेगी।
कोल इंडिया : पांच साल में 115 मिलियन टन कोयला उत्पादन में वृद्धि
कोल इंडिया में पिछले पांच साल में 115 मिलियन टन कोयला उत्पादन बढ़ा। कोल इंडिया एक बिलियन टन कोयला उत्पादन की दिशा में प्रयासरत है। चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी 660 मिलियन टन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। 2012-13 में कोल इंडिया ने 452.211 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया था, जो 2017-18 में बढ़कर 567.365 मिलियन टन हो गया।
उत्पादन से संबंधित आंकड़े
वर्ष उत्पादन (मिलियन टन)
2016 538.75
2017 554.15
2018 567.37
2019 606.89
Thanks:www.livehindustan.com