नई दिल्ली: 6 सितंबर को होने वाली 2+2 बैठक में भारत रूस के साथ एस-400 मिसाइल डील के बारे में अमेरिका को जानकारी देगा। सूत्रों के मुताबिक, वार्ता के दौरान भारत अमेरिका को बता सकता है कि 40 हजार करोड़ की मिसाइल डील रूस पर प्रतिबंध लगने से पहले ही फाइनल हो गई थी। देश की सुरक्षा नीति के लिए यह डील काफी जरूरी है। ऐसे में उन्हें हथियार खरीदने दिए जाएं।
2016 के राष्ट्रपति चुनाव प्रभावित करने के आरोप में अमेरिका ने रूस पर सैन्य प्रतिबंध लगाया था। ट्रम्प प्रशासन ने अन्य देशों को भी चेतावनी दी थी कि प्रतिबंध के बावजूद वे रूस से हथियार खरीदते हैं तो उन्हें भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका नहीं चाहता भारत यह डील करे: एशिया से संबंधित मामलों पर नजर रखने वाले पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी रैंडाल स्रिवर ने बताया कि प्रतिबंध के बावजूद रूस से हथियार खरीदे जाते हैं तो यह अमेरिका यह गारंटी नहीं देगा कि भारत प्रतिबंध से बच पाएगा। अमेरिका पहले ही बता चुका है कि वह नहीं चाहता कि भारत रूस के साथ यह डील करे।
पिछले साल तय हुई थी बैठक: भारत और अमेरिका के बीच 2+2 बैठक पिछले साल तय हुई थी। इसमें भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक आर पोम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस हिस्सा लेंगे। सूत्रों का मानना है कि मोदी और पुतिन के बीच अक्टूबर में होने वाली वार्षिक समिट से पहले ही दोनों देश इस डील की घोषणा कर देंगे।
4000 किमी तक मार सकती है यह मिसाइल: वायु सेना को मजबूत करने के मकसद से भारत 4000 किमी लंबे इंडिया-चाइना बॉर्डर पर लंबी दूरी की मिसाइल का सिस्टम तैयार करना चाहता है। रूस की एस-400 लंबी दूरी के मामले में सबसे आधुनिक मिसाइल है। रूस से ये मिसाइल खरीदने वाला चीन पहला देश है। उसने 2014 में यह डील की थी और रूस अब तक बीजिंग को काफी मिसाइल भेज चुका है। एस-400 मिसाइल एस-300 का आधुनिक मॉडल है। इसे रूस ने 2007 में तैयार किया था।
प्रतिबंध के बावजूद रूस के साथ मिसाइल डील करेगा भारत
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