नई दिल्ली:आज से देश भर में कई नए नियम लागू हो रहे हैं। एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल की खरीद पर मिलने वाला कैशबैक जहां बंद हो जाएगा, वहीं कई बैंकों के खुदरा कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने के कारण होम और ऑटो लोन सस्ते हो जाएंगे। होटल के कमरों पर जीएसटी दर घटने और एसबीआई खातों में न्यूनतम बैलेंस पर लगने वाला जुर्माना कम होने जैसे नियम भी अमल में आजाएंगे। आइए जानें, नए नियम कैसे आपकी जेब पर असर डालेंगे-
देश भर में एक समान डीएल और आरसी
-नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत देश भर में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड से लैस ऐसे ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) बनाए जाएंगे, जिनका रंग-रूप एक समान होगा। दोनों दस्तावेजों में चालक-वाहन के ब्योरे के साथ पिछला रिकॉर्ड भी दर्ज रहेगा। डीएल और आरसी बदलवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
एसबीआई एटीएम से 12 बार मुफ्त निकासी
-भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एटीएम से मुफ्त निकासी की सीमा बढ़ जाएगी। मेट्रो शहर के ग्राहक जहां एसबीआई एटीएम से दस बार मुफ्त ट्रांजैक्शन कर सकते हैं, वहीं अन्य शहरों में यह सीमा 12 हो गई है। यही नहीं, एसबीआई खाते में निर्धारित मासिक औसत बैलेंस (एमएबी) नहीं बनाए रखने पर जुर्माने की रकम में भी 80 फीसदी तक की कटौती हुई है।
पेट्रोल-डीजल की खरीद पर कैशबैक नहीं
एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर 0.75 फीसदी का कैशबैक नहीं मिलेगा। सेस घटने से 10 से 13 सीटों वाले पेट्रोल-डीजल वाहन सस्ते होंगे।
एक हजार तक के कमरे पर जीएसटी खत्म
होटलों में एक हजार रुपये तक के किराये वाले कमरों पर जीएसटी नहीं लगेगा। जिन कमरों का किराया 7500 रुपये तक है, उन पर 12 फीसदी जीएसटी देना होगा।
कोल्डड्रिंक व अन्य पेय महंगे
एक अक्तूबर से कोल्डड्रिंक सहित अन्य पेय पदार्थों पर जीएसटी दर 18 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगी। 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगने से भी बढ़ीं कीमतें।
होम और ऑटो लोन सस्ते हुए
एसबीआई, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक और फेडरल बैंक ने खुदरा कर्ज की ब्याज दरें रेपो रेट से जोड़ीं। इससे आरबीआई की ओर से रेपो रेट में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को मिल सकेगा। उन्हें सस्ती दरों पर होम और ऑटो लोन हासिल होंगे।
जीएसटी रिटर्न का नया फॉर्म लागू
पांच करोड़ से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को अब जीएसटीआर-1 की जगह जीएटी एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा। छोटे कारोबारियों के लिए यह फॉर्म जनवरी 2020 से अनिवार्य किया जाएगा। कॉरपोरेट टैक्स में घोषित कटौती भी एक अक्तूबर से लागू हो जाएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन नीति बदली
केंद्र सरकार और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों के लिए पेंशन नीति बदली। अब अगर सात साल सेवा देने के बाद किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा। अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से पेंशन देने का प्रावधान था।