‘तपोनिष्ठ श्रावक’ श्रीमान् इंद्रमलजी दलिचन्दजी राठोड़
रावलिया कलाँ (सूरत)। शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद एवं ‘तपोमूर्ति’ मुनिश्री कमलकुमारजी की प्रेरणा से ‘तपोनिष्ठ श्रावक’ श्रीमान् इंद्रमलजी राठोड़ – रावलिया कलाँ – सूरत ने अपने 30 वें मासखमण (14 अगस्त 2019 को 31 दिन) की तपस्या का पारणा कर 12 दिन पश्च्यात 27 अगस्त 2019 को पुनः मासखमण का संकल्प कर दिनांक 27 सितम्बर 2019, गुरुवार को 31 की तपस्या सानंद सम्पन्न कर अपने 31वें मासखमण का पारणा किया है । दिनांक 26 सितम्बर को मुनिश्री कमलकुमारजी की सन्निधि में आपका तप अनुमोदना का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें मुनिश्री द्वारा आपके तप की अनुमोदना करते हुए कविता का पठन किया एवं साध्वीप्रमुखा साध्वीश्री कनकप्रभाजी द्वारा प्रद्दत संदेश का वांचन हुआ तथा सम्मान पत्र से आपको सम्मानित किया गया।
श्रीमान् इन्द्रमलजी के वर्ष 1988 से अविरत तपस्या का क्रम चल रहा है, 3 अठ्ठाई तप एवं 30 दिन से 41 दिन की लड़ी सम्पन्न कर वर्तमान में 31वां मासखमण सानंद संपन्न किया । कार्यक्रम में उपस्थित सभी सभा संस्थाओं एवं समस्त जनमेदिनी ने आपके तप की खुब खुब अनुमोदना कर आपके भावि तपस्वी जीवन की आध्यात्मिक मंगलकामना की ।
तपस्या : 08 दीन = 3 बार, 30 दिन = 3 बार, 31 दिन = 11 बार, 32 दिन = 3 बार, 33 दिन = 2 बार, 34 दिन = 2 बार, 35 दिन = 2 बार, 36 दिन = 3 बार, 37 दिन = 1 बार, 38 दिन = 1 बार, 39 दिन = 1 बार, 40 दिन = 1 बार, 41 दिन = 1 बार
यह जानकारी तेयुप सूरत से मुकेश राठौड़ ने दी।