भायंदर। भायंदर के तुलसी सम्यवसरण में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम को शुरुवात साध्वी पंकजश्री मसा ने नमस्कार महामंत्र से किया। ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने गीतिका की प्रस्तुति दी। साध्वी शारदा प्रभा मसा ने बच्चो को ज्ञानशाला के उद्देश्य के बारे में बताया। संस्कारी, विनम्रता, चरित्रशीलता, आध्यात्मिकता जीवन जीना, त्याग तपस्या ही बच्चो का उद्देश्य हो। साध्वी पंकाजश्री मसा ने बच्चो से ज्ञानशाला के सवालों से ज्ञान वर्धन किया। बच्चो, श्रावक और श्राविकाओं को पच्चीस बोल याद कराए। फिर ज्ञानशाला के बच्चो ने गीतिका की प्रस्तुति दी। सभाध्यक्ष प्रदीप बच्छावत और तेयुप अध्यक्ष ने अपना उदबोधन दिया। महिला मंडल संयोजिका सुमन नहाटा ने कहा कि रिश्ते ओ बड़े नहीं होते ही जन्म से होते है। प्रसिक्षायो के समय नियोजन के लिए साधुवाद किया। शासन श्री कैलाश वति मसा ने बताया कि ज्ञानशाला एक मा के रूप की तरह होती है। जिसके माध्यम से बच्चो को अच्छी ओर ज्ञान की बातें सीखने को मिलती है। ज्ञान शाला एक उर्वरा भूमि है। बच्चो को शुरवाती ज्ञान दिया जाए। सभा मंत्री मानक ने सूचनाओ कि जानकारी डी। तेरापंथ की झाकियों में ज्ञानशाला के बच्चो ने फैंसी ड्रेस से में मोह लिया। बच्चो के फैंसी ड्रेस पर नम्बर भी दिए गए। जिसमे प्रथम खुशी सेठिया ओर तिशा सेठिया, दूसरे स्थान पर खुशी भंडारी ओर दिशा भंडारी, तीसरे स्थान पर चेरी डांगी ओर यशिता हिंगड़ रही। आभार ज्ञापन विकाश छाजेड़ ने किया। कार्यक्रम का सफल संयोजन सुनील डांगी ने किया।
भायंदर में ज्ञानशाला दिवस पर विविध आयोजन, निकली रैली
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