ब्रसेल्स: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का मामला यूरोपियन पार्लियामेंट (ईपी) में भी उठा। ईपी के मासिक अखबार में रविवार को छपी खबर के मुताबिक, पार्लियामेंट में भारत के इस फैसले को समर्थन मिला। ईपी के सदस्य टॉमस जेकोव्स्की ने इसे भारत का आतंरिक मामला बताते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने से कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में मदद मिलेगी।
अखबार के मुताबिक, जेकोव्स्की ने कहा कि कुछ आतंकी संगठन कश्मीर घाटी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंक फैला रहे हैं। ये सशस्त्र दल कथित रूप से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक संगठनों से जुड़े व्यक्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार रहे हैं। इनमें 6 राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और एक अलगाववादी नेता की हत्या भी शामिल है।
पीओके में सबसे ज्यादा आतंकी संगठन सक्रिय
टॉमस ने कहा कि अक्टूबर 2018 में स्थानीय चुनाव के दौरान आतंकी हमलों की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आईं। यहां नेताओं और जो कश्मीरी चुनाव में हिस्सा ले रहे थे, उनको धमकियां भी दी गईं। ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकी संगठन पीओके से ही संचालित हो रहे हैं।
आतंकी संगठनों को पाक का समर्थन
टॉमस के मुताबिक, ‘‘5 अगस्त को भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आतंकियों के खिलाफ बड़ा फैसला था। यह भारत का आंतरिक मामला है।’’ संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 से लेकर अब तक कश्मीर में कई आतंकी संगठन पनपे हैं। मौजूदा वक्त में 4 बड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और हरकत उल-मुजाहिदीन सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। इन सभी को पाक का समर्थन है।