सूरत। सिटीलाइट स्थित तेरापंथ भवन में पर्युषण पर्व के पांचवे दिन अणुव्रत चेतना दिवस पर उदबोधित करते हुए शान्तिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार ने लोगों को अणुव्रत के संकल्पों को स्वीकार कर अपने जीवन मे सच्चाई, अहिंसा, नैतिकता को लाने और नशे जैसी बुरी लत से दूर रहने की प्रेरणा प्रदान की। आपने कहा कि अणुव्रत के संकल्प गृहस्थों के जीवन मे परिवर्तन ला सकते हैं। मुनि श्री ने कहा कि भगवान महावीर ने दो प्रकार के धर्म की व्याख्या की है अणुव्रत औऱ महाव्रत। अणुव्रत को अपनाने वाले सद् गृहस्थ होते हैं और महाव्रतों को धारण करने वाले संत कहलाते हैं।
आज अणुव्रत चेतना दिवस है इस दिवस पर प्रत्येक व्यक्ति को अणुव्रत के नियमों को समझना चाहिए और औरों को भी अणुव्रती बनाने का प्रयास करना चाहिए। मुनि श्री ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रतों का विस्तार करते हुए विद्यार्थी, अध्यापक, व्यापारी आदि सबको प्रेरणा दी जिससे परिवार, समाज और देश का कल्याण हो सके। अणुव्रत का लक्ष्य इंसान को इंसान बनाने का है ना कि हिन्दू या मुसलमान बनाने का है। तपस्या के क्रम में राजुल मेहता विरधी चंद जी ने मासखमण की तपस्या के प्रत्याख्यान किए। तपस्विनी पुष्पा तलेसरा ने 50 दिनों की तपस्या के प्रत्याख्यान किये। तथा अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने 8-9-10-11-12-15-27 तक कि तपस्याओं के पच्चखान किए। रविवार को जप दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
अणुव्रत का लक्ष्य इंसान को इंसान बनाने का, न कि हिन्दू या मुसलमान बनाने काः मुनि कमलकुमार
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