नालोसापारा। श्री वर्धममान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नालासोपारा में चातुर्मासार्थ विराजित प.पू. डॉ. धर्मशिला जी महाराज की सुशिष्या पूज्य डॉ. चारित्रशिला जी महाराज, डॉ. भक्तिशिला जी महाराज एवं मैत्रीशिला जी महाराज के सान्निध्य में सानंद धर्म अध्यात्म का ठाट लगा हुआ है। नित नये एवं सकारात्मक आयोजनों के साथ ही धर्म, ध्यान, जप, तप की लड़ी लगी हुई है। इसी क्रम में शनिवार को महावीर स्वामी की जन्म जयंती का प्रेरणात्मक आयोजन किया गया। जिसमें यहां के श्रावक-श्राविकाओं सहित बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस मौके पर अपने अमृतमय प्रवचन के दौरान सर्वप्रथम महासती चारित्रशिलाजी म.सा. ने महावीर स्वामी के जीवन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महावीर स्वामी का जीवन बड़ा ही धार्मिक, त्याग, तप, और साधनामय जीवन था। डॉ. भक्तिशिला जी महाराज साहब ने महावीर स्वामी जन्मकल्याणक महोत्सव में भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों को को बड़ी ही सरल शब्दों में समझाते हुए कहा कि भगवान महावीर स्वामी का संदेश है-जीओ और जीने दो तथा सत्य के मार्ग पर चलो। उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए आपने फरमाया कि हमें भी महावीर बनना है तो महावीर स्वामी के दिए उपदेशों पर चलना बहुत आवश्यक है। तत्पश्चात मैत्री शिला जी महाराज के द्वारा भगवान महावीर के जीवन पर शानदार नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें नालासोपारा के सदस्यों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
नाटिका में भूमिका निभाने वालों में सिद्धार्थ राजा – ललितजी कोठीफोड़ा, त्रिशला रानी – प्रीति ललितजी कोठीफोड़ा, वर्धममान – लक्ष्मीलाल ललिता के सुपुत्र, प्रियवंदा दासी – ममता इंटोदिया, सेवक – मोनिका इंटोदिया, राज ज्योतिष – प्रवीण इंटोदिया, 14 स्वप्न – तारा पामेचा, शांता चोरडिया, सोनल इंटोदिया, रेखा इंटोदिया, रेखा संचेती, संगीता इंटोदिया, लक्ष्मी सांखला, निमा इंटोदिया, कोमल बोहरा, वनिता इंटोदिया, अंजना चंडालिया, चंदा बोहरा, प्रेमा सिंघवी, चंचल नावेड़िया, भुआजी – सीता इंटोदिया, नीता बोहरा, जतन बेन, लता हिंगड़, विद्या पोखरणा, मामाजी-मामीसा – ललिता दीपक बोहरा, बुवाजी फुफासा – रीना कमलेश बोहरा, नृत्य – पूजा इंटोदिया, वनिता पोखरणा, हेतल इंटोदिया, भूमि सिंयाल आदि का नाम प्रमुख है।
इस मौके पर नालासोपारा संघ के तमाम पदाधिकारियों सहित महिला मंडल, नवयुवक मंडल एवं कन्या मंडल के बड़ी संख्या में सदस्य एवं श्रावक-श्राविका उपस्थित थे। संचालन संघ के अध्यक्ष रमेशचंद्र इंटोदिया ने किया तथा लाभार्थी परिवार लक्ष्मीलाल मोहनलाल इंटोदिया बने।
नालासोपारा में महावीर स्वामी की जन्मजयंती का अनुपम आयोजन
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