ठाणे। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में पर्युषण महापर्व का चौथा दिन वाणी-संयम के रूप में आयोजित हुआ। विशाल जनमेदिनि ने बोलने की कला में निष्णात बनने के गुर सीखे।
साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा दुनिया मे कुछ व्यक्ति ऐसे होते है, जो बोलकर ही लोगो के दिलो में उतर जाते है और कुछ ऐसे होते है जो बोलकर ही दिल से उतर जाते है। जो बोलने की कला जनता है वह सुखी, समृद्ध, शांतिप्रदायी, आनंददायी जीवन का मालिक बनता है। वाणी का सम्यक संयम करने वाला लाखों दिलो पर राज करता है, प्रभावशाली वर्चस्वी बनकर समाज एवं परिवार में गौरवमय स्थान प्राप्त करता है। जरूरत है व्यक्ति वाणी का संयम करना सीखे। वाणी संयम का एक प्रकार है मौन। मौन ज्ञान को बढ़ाता है। विवाद को घटाता है। तनावमुक्ति की रामबाण दवा है। मौन से हमारे भीतर की हीलिंग पावर तीव्र गति से बढ़ती है। जो व्यक्ति भोजन के समय पूर्ण मौन रखता है, वह करोड़ो वर्षो तक स्वर्गीय सम्मान को प्राप्त होता है। प्रतिदिन एक घंटा मौन एवं मौनपूर्वक भोजन करने का संकल्प ले। साध्वी श्रीजी की प्रेरणा से सैकङो व्यक्तियों ने दोनों संकल्प लिए।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ने अपने सारगर्भित व्यक्तत्व में कहा दुर्लभ मनुष्य जीवन हमें मिला है। दुर्लभ तत्व की प्राप्ति हुई है। सत्य के साक्षात्कार की ओर हम कदम बढ़ाए। जीवन व मृत्यु यह शाश्वत सत्य है। इस सच्चाई की अनुभूति करते हुए हम सत्कर्म करते हुए परमार्थ पथ पर बढ़ते रहे।
साध्वी सुधाप्रभाजी ने वाणी संयम पर विष्लेषण करते हुए कहा, हम मधुरभाषी बने। व्यंग्यात्मक शब्दों का प्रयोग न करें। कम बोलें। धीरे बोलें। धीरे बोलने वाला वाणी के माधुर्य को बढ़ाता है। सभा मे अपनी बात शांति से रख सकता है। सम्मानजनक व ऊंची तथा सभ्य भाषा का प्रयोग करनेवाला सम्मानजनक स्थान प्राप्त करता है।
साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने मंच का कुशल संचालन किया। साध्वी स्मतव्यशाजी ने महावीर वाणी का रसपान कराया। साध्वी जी ने महावीर के भव का रोचक इतिवृत्त प्रस्तुत किया। वागले मंगल की बहनों ने मंगल संगान किया। सीबीडी बेलापुर महिला मंडल ने कर्णप्रिय अतिसुंदर गीत की प्रस्तुति दी। सभा के सहमंत्री पवन ओस्तवाल ने आगामी कार्यकर्मो की सूचना संप्रेषित की। इस अवसर पर ठाणे सभा अध्यक्ष देवीलाल श्री श्रीमाल, सिरियारी संस्थान मंत्री निर्मल श्री श्रीमाल, मुम्बई सभा के पूर्व अध्यक्ष सुनील कच्छारा, मुम्बई सभा उपाध्यक्ष नरेंद्र बांठिया, माणक धींग, अर्जुन चौधरी, विजय संचेती, राजेन्द्र मुथा, भरत लोढ़ा, महेश मेहता, प्रमोद सुर्या, राजेंद्र कुमठ, नरेश बाफना, अरुण ढिलड़िया आदि की विशेष तौर पर उपस्थिति रही।
सुखी, समृद्ध एवं आनंददायी जीवन का वरदान है वाणी संयम – साध्वी आणिमाश्रीजी
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