मुंबई। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में वृहद रूप से आयोजित होने जा रही है अभिनय सामायिक
पूज्य गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी ने अभिनव सामायिक के प्रयोग कर सामायिक के आध्यात्मिक स्वरूप को उजागर किया। श्रावक के बारह व्रतों में एक व्रत सामायिक अर्थात समता की साधना आर्त व रौद्र ध्यान को छोड़कर समस्त सावध (पापकारी) प्रवृत्तियों को त्याग कर एक मुहूर्त के लिए समभाव में स्थित रहना सामायिक है। सामायिक शांति और मानसिक संतुलन की साधना है। कषाय मुक्ति की साधना है।
पूज्यप्रवर फरमाते हैं कि युवक सामायिक की साधना कर परिपक्व अवस्था जैसी गंभीरता का अनुभव कर सकता है। वृद्ध व्यक्ति सामायिक की साधना कर युवक जैसी स्फूर्ति का अनुभव कर सकता है।
एकरूपता व आध्यात्मिक प्रशिक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पूज्यप्रवर के इंगितानुसार अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद अभनव सामायिक का प्रायोगिक प्रशिक्षण अपनी शाखा परिषदों के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में करने जा रही है।
अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया एवं केंद्रीय नेतृत्व में चरित्रात्माओं/समणीवृंद/उपासक के मार्गदर्शन में पूरे भारत वर्ष में लगभग 311 शाखा परिषदें एवं 96 अन्य क्षेत्रों में अभिनव सामायिक का वृहद आयोजन किया जा रहा है।
आध्यात्मिक क्षेत्र में नये इतिहास के सृजन की ओर अग्रसर अभातेयुप
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