मुंबई:भारतीय फिल्में विदेश में नए बाजारों में धूम मचाने को तैयार हैं। सितंबर में यशराज फिल्म्स की चर्चित कॉमेडी ड्रामा ‘हिचकी’ रूस और कजाकिस्तान के सिनेमाघरों में दस्तक देगी तो तमिल एक्शन फिल्म ‘सीमा राजा’ पोलैंड में रिलीज होगी। 2015 की सलमान खान स्टारर ब्लॉकबस्टर ‘बजरंगी भाईजान’ अगस्त में तुर्की में प्रदर्शित की गई। वहीं, ‘मुन्ना माइकल’ और ‘शुभ मंगल सावधान’ ने रूस में सिनेप्रेमियों का मनोरंजन किया। विदेश में भारतीय फिल्मों का प्रदर्शित होना कोई नई बात नहीं है। हालांकि उनका गैर-पारंपरिक बाजारों में दस्तक देना, जहां ज्यादा संख्या में भारतीय आबादी मौजूद नहीं है, खासा मायने रखता है।
इसे वैश्विक सिनेमा के भारतीय फिल्मों की विविधता को स्वीकार करने के संकेत के तौर पर देखा जा सकता है। इरोस इंटरनेशनल के मार्केटिंग एवं फिल्म वितरण विभाग के प्रमुख प्रणब कपाड़िया कहते हैं, ‘बॉलीवुड का डंका देश-दुनिया में बज रहा है। हॉलीवुड की तरह ही सिने जगत में इसकी अपनी पहचान है। चीन के अलावा रूस, तुर्की, ताइवान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, पोलैंड, पुर्तगाल और फ्रांस जैसे देश भी अब तहेदिल से भारतीय फिल्मों को स्वीकार रहे हैं।
’कपाड़िया के मुताबिक भारतीय निर्माता-निर्देशक आंख मूंदकर हॉलीवुड की नकल उतारने के बजाय कहानी में नयापन लाने की कोशिशों में रहते हैं। यहां की फिल्मों में मौजूद भावनात्मक पहलू, पारिवारिक मूल्यों और नाच-गाने को ज्यादा पसंद किया जाता है। फिल्म वितरक यूसुफ शेख की मानें तो डिजिटल माध्यम ने फिल्मों की अंतरराष्ट्रीय पहुंच बढ़ाई है। इंटरनेट से विदेशी निवेशकों को फिल्मों के डिजिटल प्रिंट भेजना आसान हो गया है।
टीवी-इंटरनेट पर भी नजर
विदेश में भारतीय फिल्में छोटे पर्दे और डिजिटल माध्यम पर भी धूम मचा रही हैं। रेड चिलीज इंटरटेनमेंट रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, यूक्रेन, लातिन अमेरिका टीवी पर स्थानीय भाषा के सबटाइटिल के साथ फिल्में दिखा रहा है। डिजिटल मंच पर नेटफ्लिक्स और आईट्यून्स से हाथ मिलाया है।
कोरिया से पोलैंड तक भारतीय फिल्मों को मिला नया बाजार
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