पेरिस: बियारिट्ज में जी-7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 40 मिनट तक मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मोदी ने अमेरिका के सामने यह स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है। मोदी बोले- हम इस मामले पर दुनिया के किसी भी देश को कष्ट नहीं देना चाहते हैं। ट्रम्प ने भी भरोसा जताया कि दोनों देश अपनी समस्या को मिलकर सुलझा सकते हैं। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा के बाद ट्रम्प कश्मीर पर तीन बार मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं। लेकिन जी-7 समिट के दौरान मोदी ने ट्रम्प के सामने ही अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया।
मोदी-ट्रम्प की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस
- मोदी ने कहा- ट्रम्प से मुलाकात अहम है। उन्होंने टेलिफोन कर मुझे बधाई दी थी। भारत और अमेरिका दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों से चलने वाले देश हैं। भारत और अमेरिका की व्यापार के क्षेत्र में लगातार बातचीत हुई। हम अमेरिका के सुझावों का स्वागत करते हैं। भारतीय समुदाय अमेरिका में भारी इनवेस्टमेंट कर रहा है।
- भारतीय पीएम ने कहा- भारत और पाक के बीच कई द्विपक्षीय मसले हैं। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान को मैंने फोन किया था। उनसे कहा था कि भारत-पाक के बीच कई द्विपक्षीय मसले हैं। दोनों देशों को गरीबी, अशिक्षा के खिलाफ लड़ना है। हम दोनों को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ भी लड़ना है और दोनों देशों की अवाम की भलाई के लिए काम करना है।
- उन्होंने कहा- भारत और पाक के सभी मसले द्वपक्षीय हैं इसलिए हम दुनिया के किसी भी देश को कष्ट नहीं देना चाहते हैं। भारत और पाकिस्तान 1947 से पहले एक थे। हम अभी भी साथ मिलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं।
- ट्रम्प ने कहा- कल रात मेरी प्रधानमंत्री मोदी से कश्मीर पर बात हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी को वास्तव में लगता है कि वहां के हालत उनके नियंत्रण में हैं। मोदी ने पाकिस्तान से बातचीत की है। मुझे यकीन है कि वे कुछ अच्छा करने में सक्षम हैं। वे कुछ कर सकते हैं।
मोदी ने जैव विविधता पर सत्र को संबोधित किया
रविवार को भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने यहां जैव विविधता, महासागर और जलवायु के मुद्दे पर रखे गए एक सत्र को संबोधित किया। इसके बाद वे जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मिले। इससे पहले मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महासचिव के साथ बातचीत शानदार रही। उनके साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने जलवायु परिवर्तन रोकने वाले प्रयासों को भी तेज करने पर चर्चा की।’’
जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी से यह उनकी पहली मुलाकात थी। मोदी ने बताया कि ब्रिटेन के साथ कई मुद्दों व्यापार, रक्षा और नई खोजों को लेकर चर्चा हुई। भारत और ब्रिटेन के रिश्ते आने वाले वक्त में और मजबूत होंगे, जिसका फायदा दोनों देशों के लोगों को मिलेगा। मोदी ने एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की जोरदार जीत पर जॉनसन को बधाई दी। बीते हफ्ते दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई थी। इसमें जॉनसन ने कश्मीर मुद्दे को भारत-पाक का द्विपक्षीय मसला बताया था।
गुटेरेस ने तनाव कम करने की अपील की थी
अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद मोदी की अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ यह पहली मुलाकात थी। जम्मू-कश्मीर दो भागों में विभाजन के फैसले के बाद गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान को ज्यादा संयम बरतने के लिए कहा था। गुटेरेस शिमला समझौते का जिक्र कर चुके हैं, जिसके मुताबिक कश्मीर मुद्दा केवल द्विपक्षीय बातचीत से ही हल होगा और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं होगी।
भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से यही कह रहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना उसका आंतरिक मामला है। पाकिस्तान इस सच को स्वीकार करे, यही बेहतर होगा।
मोदी कई नेताओं से मिलेंगे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया, ‘‘जी-7 समिट में प्रधानमंत्री मोदी को एक खास सहयोगी के तौर पर आमंत्रित किया गया है। मोदी जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता, सामुद्रिक और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े कई सत्रों में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा वे दुनिया के कई नेताओं से मुलाकात भी करेंगे।’’
बहरीन और यूएई के दौरे पर गए थे मोदी
मोदी 23 अगस्त को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे पर गए थे। न्होंने अबु धाबी के क्राउन प्रिंस, शेख मोहम्मद बिन जायद से मुलाकात की। मोदी को यूएई में सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित किया गया।
24 अगस्त को मोदी बहरीन पहुंचे। यहां क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमाद ने शनिवार को ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां’ से सम्मानित किया। फ्रांस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने श्रीनाथ मंदिर के दर्शन किए। दोनों नेताओं के बीच भारत और बहरीन की दोस्ती, व्यापारिक संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर बातचीत हुई।