मनामा:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत और बहरीन ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए रविवार को यहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने की अपील की। प्रधानमंत्री की इस खाड़ी देश (बहरीन) की यात्रा के दौरान दोनों देश सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने एवं खुफिया सूचना के आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग और अधिक बढ़ाने को सहमत हुए। प्रधानमंत्री मोदी की बहरीन की यात्रा रविवार को संपन्न हुई। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की बहरीन की यह प्रथम यात्रा थी।
बहरीन की अपनी दो दिनों की यात्रा के दौरान मोदी ने इस खाड़ी देश के शाह हमाद बिन ईसा अल खलीफा और शहजादा एवं प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा के साथ वार्ता की। वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने बैठकों के दौरान पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बयान में किसी देश का नाम लिए बगैर कहा गया, ”दोनों देश दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने, आतंकवादी बुनियादी ढांचे को (जहां कहीं अस्तिव में हैं, उन्हें) नेस्तनाबूद करने और अन्य देशों के खिलाफ सभी तरह के आतंकवाद को समर्थन एवं धन की आपूर्ति को काटने तथा सभी आतंकवादी हकरतों को न्याय के दायरे में लाने की सब देशों से अपील करते हैं।”
गौरतलब है कि नयी दिल्ली पाकिस्तान पर यह दबाव डालता रहा है कि वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन की अपनी राजकीय नीति और अपनी सरजमीं पर आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद करे। भारत और बहरीन ने आतंकवाद एवं कट्टरपंथ को प्रोत्साहित करने वाले और सामाजिक सौहार्द में खलल डालने वाली गतिविधियों में साइबर जगत के इस्तेमाल की रोकथाम करने सहित साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के तौर तरीकों पर भी चर्चा की। बयान के मुताबिक दोनों देश सुरक्षा, आतंकवाद की रोकथाम एवं खुफिया सूचना के क्षेत्र में सहयोग और अधिक बढ़ाने को सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने इस बात का भी जिक्र किया कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समन्वित कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने आतंकवादियों और उनके संगठनों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा व्यापक पाबंदी की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाएं अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित होनी चाहिए। इसमें अन्य देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) पर चीन के जोर देने की ओर संभवत: इशारा करते हुए यह कहा। दोनों देश ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और मानव संसाधन के प्रशिक्षण पर भी सहमत हुए। दोनों देश खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। यह क्षेत्र समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत और बहरीन ने उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान, रक्षा एवं उच्च शिक्षा सहयोग, व्यापार एवं आर्थिक संबंध और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की अहमियत का भी जिक्र किया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के प्रति बहरीन की रुचि का भी स्वागत किया। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार सहित इस वैश्विक संस्था में सुधारों की फौरी जरूरत पर भी जोर दिया। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने सांस्कृतिक आदान प्रदान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और सौर ऊर्जा पर सहमति पत्रों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किये।
बयान के मुताबिक इस खाड़ी देश में ”रूपे कार्ड’ लॉन्च करने के लिए एटीएम और पीओएस लेन-देन सहित अन्य का संचालन करने वाली बहरीनी कंपनी ‘बेनीफिट (बीईएनईएफआईटी) और ‘नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ (एनपीसीआई) के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। बयान में कहा गया है कि मोदी की बहरीन यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे भाईचारे वाले संबंध और द्विपक्षीय सहयोग में मील का पत्थर है। दोनों देशों के बीच यह संबंध ऐतिहासिक संबंधों,साझा मूल्यों, परस्पर हितों तथा अंतरराष्ट्रीय शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए साझा आकांक्षाओं पर स्थापित हुआ है। इस खाड़ी देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की कोशिशों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शनिवार को ”द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनेसां से सम्मानित किया गया