मुंबई। दक्षिण मुंबई में आचार्य महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी कैलाशवति जी ने जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण कन्हैया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री कृष्ण ने पूर्व जन्म में 99000 लाख मासखमण किए, जिससे वह वासुदेव भव में पराक्रमी बने। उनके पास वैक्रिय लब्धि थी, उनकी बंशी में तीन गुण थे उसकी वाणी में मिठास थी। वाणी संयम बिना बुलाए नहीं बोलती थी। हमेशा खाली रहती है। ऐसा ही जीवन हमारा होना चाहिए, हर व्यक्ति में कृष्ण जी की बूशी के तीन गुण आ जाए तो जीवन सुखी बन जाएं।
साध्वी पंकज श्री जी ने कहा जैन दर्शन के अनुसार श्रीकृष्ण आने वाली चौबीसी में तीर्थंकर बनेंगे । उनकी बाल लीला बहुत सुंदर व रंगीली थी , उनका नटखट जीवन अनेक विशेषताओं का पुंज था 1 दिन श्री कृष्ण ने गोपियों के कहने पर बंसरी नहीं बजी तो गोपियों ने उसकी बंसरी को तोड़ दिया तब रोते हुए श्री कृष्ण को यशोदा मां को कहती हैं-कानु रौवे दर्द घणो होवे, बतावे कोनी बात रे ,बताओ थारे मनडे री बात रे”तपस्या का अच्छा दौर चल रहा है भंवरलाल कर्णावत की धर्मपत्नी पुष्पा कर्णावट ने कटाई की तपस्या करके साध्वी श्री के दर्शन करके उपवास का पंचखाण किया। साध्वी पंकज श्री जी ने एवं साध्वी सम्यक्तव यशा ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी शारदा प्रभा जी ने कहा तपस्या से कर्म निर्जरा होती है। और बहुत से बाह्य दु:खों का उपसमन होता है। तपस्वी बहिन की अनुमोदना में महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउंडेशन के अध्यक्ष किशन जी डागलिया ने अपने विचार रखे। तपस्वी बहिन का सम्मान किया मीना सुराणा ने। इस प्रोग्राम में तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री ने अंजना महासती के परिसंवाद की सूचना दी।
व्यक्ति का जीवन कृष्णकन्हैया की बंसुरी के तीन गुणों की तरह होना चाहिएः शासन श्री साध्वी कैलाशवती जी
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