मुंबई। अणुव्रत समिति मुंबई के नवमनोनित अध्यक्ष रमेश चौधरी की अध्यक्षता में नव गठित कार्यसमिति का शपथ विधि समारोह आज अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल कालबादेवी मुंबई में आयोजित हुआ। विशिष्ट कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रम में अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक संचेती की गरिमामय उपस्थिति रही। उन्होंने केन्द्रीय निर्देशानुसार गौरव पूर्ण तरीके से शपथ विधि करवाई।
इस अवसर पर अपना मार्मिक उदबोधन देते हुए साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने कहा आज का सुप्रभात अणुव्रत समिति मुंबई के लिए प्रवर्धमानता का संकेत दे रहा है। मुंबई एवं परिपाशवर्ती अनेक क्षेत्रों के अणुव्रत के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ता यहां आए है। लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण बात तो यह है कि अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यहाँ आगमन हुआ है। साध्वी श्री ने अणुव्रत कार्यकर्ताओं को प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि कार्यकर्ता के लिए जरूरी है, कि वह एकांगी दृष्टिकोण न रखे। वह बहिदृष्टि के साथ साथ अंतदृष्टि का भी विकास करे । आज कल नेता शब्द का प्रचलन बहुत चल पड़ा है। हमे केवल नेता, नही कार्यकर्ता चाहिए और इससे भी आगे बहकर कहूं तो श्रावक कार्यकर्ता चाहिए। कार्यकर्ता की सोच विधायक होना बहुत जरूरी है। समाजिक जीवन मे समास्याए तो आती है। लेकिन उन समस्याओं के निर्मूलन हेतु समाधायक सोच रखना जरूरी है। समाधायक सोच का विकास तभी हो सकता है, जब कार्यकर्ता नैतिकता एवं चारित्रिक मूल्यों को जीवन में उतार लेता है। यदि इन मूल्यों को अपना लिया तो वह हिमालय से भी ऊंचा बन सकता है।
साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञा जी ने कहा विकास और परिवर्तन एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि चाहत विकास की है तो परिवर्तन को अपना पड़ेगा। परिवर्तन और विकास की हर प्रवित्ति सुनिश्चित होनी चाहिए। यदि हम पुराण पंथी बनकर रह जाए। तो परिवर्तन नही होगा। विकास वहाँ होता है, जहां सोच लचीली एवं आग्रह मुक्त होती है। आचार्य श्री तुलसी द्वारा प्रवर्तित अणुव्रत अभियान ने तेरापंथ को नई पहचान दी है। जब समय आ गया है कि बात को नया प्रसार मिले। अणुव्रत अध्यक्ष समिति के अध्यक्ष अशोक संचेती ने कहा अणुव्रत आचार्य तुलसी द्वारा प्रवत्त एक वरदान है। यह एक संजीवनी बूंटी है। यह ऐसी बूंटी है, जो हमे अनेक विपदाओं को बचा सकती है। अणुव्रत को इसलिए नही चलाना है कि यह 50 – 60 वर्षो से चल रहा है। अणुव्रत के कार्यो को गति इसलिए देनी है कि यह वर्तमान युग की अनेक जागतिक समस्याओं का समाधायक है। स्थानीय अणुव्रत समितियों का निर्माण औऱ संचालन केन्द्रीय विधानके अनुसार हो यह सुनिश्चित होना बहुत जरूरी है। अन्य समाज को अणुव्रत के लिए मैराथन दौड़ जैसे कार्यक्रम स्थान स्थान पर होने चाहिए। कार्यकर्ता केन्द्रीय एवं विभागीय कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएंगे तो इसके साथ उनका स्वयं का भी विकास होगा।
साध्वी श्री डॉ सुधाप्रभाजी ने कहा अणुव्रत समिति मुंबई में आज अत्यंत उत्साह दिखाई दे रहा है। पूज्यप्रवर के आशीर्वाद और साध्वी श्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त कर यह समिति निरन्तर आगे बढ़े । इससे पूर्व अणुव्रत समिति मुंबई के अध्यक्ष रमेश चौधरी ने स्वागत व्यक्तव्य में आंगतुक अतितियो का स्वागत करते हुए समिति के भावी कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी दी। निवर्तमान अध्यक्ष गणपत डागलिया एवं कोषाध्यक्ष नितेश धाकड़ ने दायित्व हस्तांतरण की रस्म निभाते हुए अपने पूर्ण सहयोग का वचन दिया। जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के पूर्व अध्यक्ष किशनलाल डागलिया ने महासभा की ओर से शुभकानाएं प्रेषित करते हुए संवैधानिक जिम्दारियों के सम्यक निर्वहन हेतु आवाहन किया। महासमिति के पूर्व अध्यक्ष डालचंद कोठारी ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन करते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की। अणुव्रत महासमिति के प्रिंट मीडिया के राष्ट्रीय विभाग प्रमुख अर्जुन मेडतवाल ने वर्तमान युग में अणुव्रत का प्रचार करने हेतु प्रिंट मीडिया की महाता का प्रतिपादन किया। नवमनोनित अध्यक्ष एवं उनकी टीम के प्रति शुभकामनाएं प्रेषित की । साध्वी वृन्द ने प्रेरक गीत की सुमधुर प्रस्तुति की। तेरापंथ महिला मंडल दक्षिण मुम्बई की बहनो ने मंगल संगान किया। वरिष्ठ उपासक सोहनलाल कोठारी,निवर्तमान अध्यक्ष गणपत डागलिया, अणुव्रत समिति संयोजक रमेश धोका, कार्यकारी अध्यक्ष रोशनलाल मेहता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कोठारी, तेरापंथ महिला मंडल मुंबई अध्यक्षा जयश्री बड़ाला, तेरापंथी सभा मुंबई कार्याध्यक्ष मनोहर गोखरू, अणुव्रत समिति सहमंत्री प्रसन्न पामेचा, अभातेयुप महामंत्री सन्दीप कोठारी, अणुव्रत समिति बैंगलोर के अध्यक्ष कन्हैयालाल चिपड,रवि दोषी आदि ने मंगल भावो की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन अणुव्रत समिति मुंबई के मंत्री चेतन कोठारी, ने किया। साध्वी श्री कर्णिका श्रीजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी स्मतव्यशाजी, साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने आणिमाश्रीजी द्वारा स्वरचित का सुंदर संगान किया। निवर्तमान अध्यक्ष गणपत डागलिया, कोषाध्यक्ष नितेश धाकड़, रमेश चौधरी, व मंत्री चेतन कोठारी, का जैसे ही दायित्व हस्तांतरण किया। पूरी परिषद ने ओम अर्हम के साथ हर्षा भिव्यक्ति दी।
गोगालाल ,रमेश,भरत, निर्मल,जितेंद्र चौधरी परिवार का सन्मान किया गया।
ललिता जोगाड़,सुशील बाफना,
सुमेर सुराणा,प्रकाश सिसोदिया,
हेमलता सोनी,पारस कच्छारा, सुनील संचेती,कन्हैया लाल चिपड,नरेंद्र बाठिया,भवरलाल जी कर्णावत,वंदना वागरेचा
कुंदनमल कोठारी,अशोक मेहता,बाबूलाल बाफना आदि की विशेष उपस्तिथि रही।
कार्यक्रम को सफल बनाने में रमेश सोनी, प्रसन्न पामेचा,सुरेश मेहता,दिनेश धाकड़,मानक कोठारी,ललित चंडालिया, मीठालाल धाकड़,विनोद बाफना,प्रदीप बोकाड़िया, चन्द्रप्रकास बोहरा,पारस सांखला,सज्जन बम्ब,दिनेश सिंघवी,संजय दुग्गड़,संजय चौधरी,रमेश ढलावत,पंकज चंडालिया, सुनील बोहरा,मंगल सियाल,सुरेश बाफना,पवन परमार,मिना बाफना,लक्ष्मी लाल सिंघवी,विकास धाकड़,कंचन सोनी,विमला कोठारी,पुष्पा कच्छरा, लतिका डागलिया,संयोजक समिति से रमेश हिंगड़,राजेन्द्र कोठारी,रमेश सिंघवी,बसंत कुमठ,मदन दुगड़,ललित सांखला,नीलेश राठौड़,दीपेश सिंघवी,सुरेश पटवारी,पंकज चंडालिया,लक्ष्मी लाल सिंघवी आदि का सहयोग रहा।
अणुव्रत संबोध कार्यशाला एवं अणुव्रत समिति मुंबई की शपथ विधि समारोह संपन्न
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