लखनऊ:भारतीय जनता पार्टी की नजर अब समाजवादी पार्टी के प्रभाव वाले इलाकों पर है। मंत्रिमंडल में जिलों की हिस्सेदारी से इसका साफ संकेत है। कोशिश है कि 2022 की जंग में जाने से पहले सपा के प्रभुत्व वाले इलाकों में अपने पैर मजबूती से जमा लिए जाएं। पर, सपा के लिए चुनौती है कि कैसे अपने गढ़ को भाजपा के फैलाव से बचाए रखे।
यादव बेल्ट वाले जिलों से आने वाले जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल में खासतौर पर जगह दी है। जातीय समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए गैर यादव वर्ग में पैठ बनाने की तैयारी है। मैनपुरी, कानपुर देहात, बदायूं आदि जिलों से मंत्री बनाने का यही संकेत है।
सपा के गढ़ कन्नौज लोकसभा सीट को जीत लेने के बाद भाजपा की निगाह मैनपुरी पर है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के कांग्रेस का गढ़ अमेठी ही नहीं जीता। सपा के गढ़ कन्नौज में भी अपनी विजय पताका फहराई लेकिन वह मैनपुरी का गढ़ नहीं जीत पाई। अब मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद हैं। यहां की भोगांव सीट से भाजपा विधायक राम नरेश अग्निहोत्री को मंत्री बनाने से साफ है।
यादव बहुल इस इलाके में भाजपा धीरे-धीरे अपनी पकड़ बनाने में जुटी है। कन्नौज में अपने पैर मजबूती से जमाने के लिए इसके जुड़े व आसपास के इलाकों को भी तवज्जो मिल गई है। कानपुर देहात का इलाका भी कन्नौज संसदीय सीट में आता है। इस जिले की रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र कन्नौज संसदीय सीट में आता है। औरया का कुछ हिस्सा (विधूना)भी इसके दायरे में पड़ता है। इन दोनों जिलों को भी मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल में तवज्जो दी है।
औरैया, कानपुर देहात और बदायूं को भी स्थान
औरैया की दीबियापुर से विधायक लाखन सिंह राजपूत को तवज्जो देकर आगे बढ़ाया गया है। इसी तरह कानपुर देहात जिले से अजीत सिंह पाल को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। बदायूं सपा का पुराना गढ़ है। यहां लोकसभा सीट पर भाजपा जीती। इस पर सपा के असर को कम करने के लिए यहां से पार्टी के एक विधायक को मंत्री बनाया गया है। बदायूं से महेश चंद्र गुप्ता को मंत्रिमंडल में लिया गया है।