अमराईवाड़ी। महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री मधुबालाजी के सानिध्य में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा अमराईवाडी द्वारा ज्ञानशाला दिवस का आयोजन सिंघवी भवन के प्रांगण में हुआ। प्रातः 8:00 बजे से ज्ञानशाला के बच्चों,प्रशिक्षिकाओं और सभी सभा संस्थाओं के द्वारा ज्ञानशाला के प्रचार-प्रसार हेतु रैली का आयोजन किया गया। रेली ज्ञानशाला के नारों और जयकारो के साथ तेरापंथ भवन से रवाना होकर सिंघवी भवन साध्वी श्रीजी के सानिध्य में धर्म सभा के रूप में परिणत हुई। ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ हुई। मंगलाचरण ज्ञानशाला की ज्ञानार्थी भवी पगारिया एवं प्रियांशी हिरण ने किया। ज्ञानशाला समिति से प्रशिक्षिका श्रीमती संगीताजी सिंघवी ने स्वागत वक्तव्य एवं ज्ञानशाला संबंधी अपने विचार व्यक्त किए।
शासनश्री साध्वीश्री मधुबालाजी ने कहा- ज्ञानशाला गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी का सपना है, जो आज आचार्यश्री महाश्रमणजी से सिंचन पाकर वटवृक्ष की तरह फलदाई बना है। ज्ञानशाला के नन्हे-मुन्ने बच्चे कच्ची मिट्टी के समान है, इन्हें जैसा आकार दिया जाता है, वे उसी रूप में ढल जाते हैं। सामयिक का महत्व बताते हुए पूर्णिया श्रावक की सामयिक एवं जयाचार्य के समय की एक घटना के द्वारा बच्चों को सामायिक करने की प्रेरणा दी। सभी अभिभावकों को बच्चों को ज्ञानशाला में अवश्य भेजना चाहिए और सभी यह प्रयास करें कि 4 से 14 साल का कोई भी बच्चा ज्ञानशाला से वंचित ना रहे।
साध्वीश्री मर्यादाश्रीजी ने फ़रमाया कि ज्ञानशाला एक मंदिर के समान है। प्रशिक्षिकाए पुजारी हैं। बच्चे भक्त हैं और ज्ञान भगवान हैं। बच्चों को बचपन में जैसे संस्कार दिए जाते हैं, उसी के अनुरूप उनका जीवन बनता है। प्रशिक्षिकाएं अच्छा श्रम कर रही है। सभी प्रशिक्षिकाए पहले अपने ज्ञान को बढ़ाएं, फिर बच्चों को ज्ञान दे। जो माता-पिता अपना बुढ़ापा सवारना चाहते हैं वे अपने बच्चों को ज्ञानशाला में अवश्य ही भेजें।
साध्वीश्री सौभाग्यश्रीजी एवं मंजुलयशाजी ने एक गीतिका की प्रस्तुति के साथ साथ पूरे श्रावक समाज को धर्म ध्यान करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा अष्टकम, परिसंवाद, एक्शन सॉन्ग और नमस्कार मुद्रा की प्रस्तुति एवं गीतिका के द्वारा प्रशिक्षिकाओ की प्रस्तुति रही।
कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वीश्री मंजुलयशाजी ने किया एवं आभार ज्ञापन सभा के अध्यक्ष श्रीमान दिनेशजी चंडालिया ने किया। अच्छी उपस्थिति के साथ कार्यक्रम बहुत ही सुंदर एवं रोचक रहा। 25 बच्चों और 10 प्रशिक्षिकाओ सहित श्रावक समाज की उपस्थिति रही।
अमराईवाड़ी में ज्ञानशाला दिवस का आयोजन
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