मुंबईः महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को ILFS स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बुलाए जाने पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने भाई के पक्ष मे खड़े नजर आए. मुंबई में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब उद्धव से राज ठाकरे को लेकर सवाल पूछे गए तो उद्धव ने कहा कि उन्हें नहीं लगता की इस जांच में कुछ भी मिलेगा. उद्धव ठाकरे ने कहा कि एक दो दिन रुक जाइये सबकुछ साफ हो जाएगा.
मलतब साफ है कि उद्धव राज ठाकरे के पक्ष मे खड़े हैं. वैसे दोनों ही राजनीतिक रूप से अलग हैं लेकिन जब भी कोई संकट होता है दोनों परिवार एक साथ दिखाई दिए हैं.
बता दें कि राज ठाकरे को कोहिनूर बिल्डिंग मामले में 22 अगस्त को ईडी के सामने पेश होना है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होने से पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है. राज ठाकरे की पेशी को लेकर मुंबई में मनसे कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने के सवाल का जवाब देते हुए मुंबई पुलिस ने कहा है, ‘पुलिस की तरफ से सुरक्षा बदोबस्त किए जाएंगे, खासतौर से प्रवर्तन निदेशालय बिल्डिंग के बाहर. दादर मनसे कार्यालय और ईडी कार्यालय हमारे फोकस एरिया हैं.’
मुंबई पुलिस का कहना है, ‘ईडी ऑफिस के बाहर किसी भी तरह से प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है. कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए फोर्स की तैनाती की जाएगी.’ उधर मनसे प्रमुख राज ठाकरे 22 अगस्त के लिए कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है.
सूत्रों के मुताबिक एक मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी को पता चला कि कोहिनूर बिल्डिंग का इस्तेमाल पैसों को डाइवर्ट करने के लिए हुआ था. कोहिनूर बिल्डिंग में निवेश और शेयर होल्डिंग राजठाकरे और राजन शिरोडकर ने 421 करोड़ में डील की थी। इस डील के बारे में ईडी को IL&FS स्कैम की जांच के दौरान पता चला था. ईडी अब राजठाकरे और उन्मेष जोशी से पूछताछ करके ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि कोहिनूर बिल्डिंग और IL&FS स्कैम के बीच क्या संबंध है और आखिरकार किस तरीके और रुट से करोड़ों रुपयों को डाइवर्ट किया गया है.
शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी और अन्य दो सहयोगियों ने मिलकर एक कंसोर्टियम गठित किया था. इसमें il&fs ग्रुप ने भी 225 करोड़ रुपए का निवेश किया था. इसके बाद साल 2008 में इसने भारी नुकसान उठाते हुए कंपनी ने अपने शेयर को महज ₹90 करोड़ में सरेंडर कर दिया। अपना शेयर सरेंडर करने के बाद भी il&fs ने कोहिनूर स्क्वॉयर टॉवरों का निर्माण करने वाली कोहिनूर सिटीएनएल को एडवांस लोन दिया जिसे कथित तौर पर कोहिनूर सिटीएनएल चुका नहीं पाया.
भाई से समर्थन में आए उद्धव ठाकरे
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