साक्री (खान्देश)। युवामनीषी युवातपस्वी अचार्य श्री महश्रमणजी कि सुशिष्या शासनश्री पदमावतीजी के सानिंध्य मे कृतिका पगारिया के नो और डॉली कांकरिया के चोद का प्रत्याख्यान का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
शासनश्री साध्वी पदमावती ने कहा-तप मंगल हे ,तप टॉनिक हे , तप शक्ती हे ।तप आत्मा शरीर मन और बुद्धि चारो को मंगल बनता हे।भगवान् महावीर से प्रशन पुछा गया तवेनं भंते !जीवे कि जनयइ ?भंते ।तप से जिव क्या प्राप्त करता है?भगवान ने कहा -तवेण वोदांण जनयइ ।तप से वह व्यवदान को प्राप्त करता है। जैन तत्वंविद्या मे निर्जरा का महत्वपूर्ण स्थान है ।पूर्वाजिर्त कर्म संचय को श्रीण करने का एक अच्छा साधन है ।
डॉ साध्वी गवेषणा ने कहा-तप के बारह प्रकार बताये गये हैं ।वे सभी ग्र हण करने योग्य है ।साधक के लिए तप नितांत आवश्यक है ।तपस्या साधू का धन है ।तप कि साधना प्रतिक्रमण आधी आवश्यको कि आराधना मे बड़ा निमित्त बनती है । साध्वी मयंकप्रभा ने कहा-इन्दिय सयंम के लीए खाने का सयंम आवश्यक है ।आहार का सयंम न होने पर इन्दिया अनियंत्रित हो जाती है ।उच्छुख्ंल हो जाती है।आयुर्वेद में तो बताया गया -यदि स्वस्थ रहना है तो हर सप्ताह में एक लंघन आवश्य करें । साध्वी मेरुप्रभा ने सुमधुर गितिका के द्रारा तपस्वी बहन कि अनुमोदना कि गई है शासन श्री साध्वी के नमस्कार महामंत्र के मंगलाचरण से कार्यक्रम कि शुरुवात हुई। हर्षा पगरिया ,जय श्री गेलडा ने सुमधुर गितिका के द्रारा मौसी मिनाजी सेठिया ,भाई सौरभ पगरिया ,भुषण कांकरिया ,बड़ी माँ महिला मंडल कि पुर्वा अध्यश्रा,जैन संगटना कि जिल्हाध्यश्र जोशिला पगरिया खुशी कांकरिया ,श्रद्धा का कांकरिया ,प्रथमा पगरिया ,प्रेक्षा सखन्ला ,भुआ हर्बल लोडा,बड़ी म म्मी प्रियंका पगरिया ,तेरापंथ खानदेश सभा के मंत्री इन्दर चंद्जी कांकरिया ,नानी सा केसर भाई आं चलीया,विद्या ,वन्दना ,आदी बहुत से भाई-बहानो ने अनुमोदना मे अपने विचार व्यक्त किये। सुमधुर गितिका से अपनी भावना व्यक्त कि महावीर जी कांकरिया ने ध्यनवाद ज्ञापन किया।
साक्री (खान्देश) में तप-अभिनन्दन समारोह का आयोजन
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