वॉशिंगटन:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के बाद भी अहम खुफिया तंत्र को बनाए रखने पर विचार कर रहा है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि दक्षिण एशियाई देश ‘आतंकवाद की प्रयोगशाला’ बन जाए। ट्रंप ने अमेरिका-तालिबान शांति योजना की समीक्षा के लिए शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक के बाद यह टिप्पणी की।
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, ” हम अफगानिस्तान में, सरकार और तालिबान दोनों से बातचीत कर रहे हैं और चर्चा काफी अच्छी रही है। देखते हैं कि क्या होता है।” उन्होंने कहा कि हमने सैनिकों की संख्या को कम करके शायद 13,000 कर दिया है। हम इसे थोड़ा और कम करेंगे। इसके बाद निर्णय करेंगे कि हमें वहां लंबे वक्त तक रूकना है या नहीं।
सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका के खुफिया तंत्र का बने रहना बहुत अहम है। उन्होंने कहा,”यह वो जगह है जहां से हम पर हमले होते हैं। आप देखें वर्ल्ड ट्रेड टावर पर क्या हुआ था? उसका संबंध अफगानिस्तान से ही था।” ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में सैनिकों की संख्या कम है, इसके बावजूद चीज़े नियंत्रण में हैं। हम संभवत: सेना को और कम कर सकते हैं। यह तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ”हम बहुत अहम खुफिया तंत्र वहां बनाए रखेंगे जिसका कारण मैं बता चुका हूं।” ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान से होने वाले आतंकवाद को बंद करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि अफगानिस्तान आतंकवाद की प्रयोगशाला बन जाए। हमने उसे रोका है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में कुछ ऐलान होने वाला है।
सैनिकों की वापसी के बाद भी अफगानिस्तान में खुफिया तंत्र बनाए रखेगा अमेरिका
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