मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को पहलू खान मामले में कहा कि जिन मामलों की कोर्ट निगरानी करता है, उनमें नतीजे अच्छे आते हैं। उन्होंने कहा कि जज के तौर पर यह कभी-कभी काफी पीड़ादायक होता है कि उसे फैसला सबूतों के आधार पर ही लेना होता है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- ऐसे मामले जो उचित स्थिति में सही याचिका के जरिए कोर्ट के संज्ञान में आते हैं और इनमें अगर कोर्ट खुद जांच की निगरानी करने की स्थिति में होता है तो नतीजे अक्सर बेहतर आते हैं। पहलू खान के मामले में जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं आपको बता दूं कि, सबूत पेश किए जाते हैं और कभी-कभी आपको ये पता चलता है कि पुलिस जांच अपर्याप्त निकली। इसका नतीजा यह निकलता है कि आरोपी दोषमुक्त हो जाता है।”
जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की थी
पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में अलवर की अदालत ने 14 अगस्त को 6 आरोपियों को बरी कर दिया। अलवर के अपर जिला और सत्र न्यायालय नंबर-1 की जज डॉ. सरिता स्वामी ने फैसला सुनाया था। 16 अगस्त को राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने इस मामले की फिर से जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की थी।
इसी साल मई में चार्जशीट दाखिल की थी
अप्रैल 2017 को पहलू खान को गो-तस्करी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर घायल कर दिया था। अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में इसी साल मई में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके बाद 7 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली गई।
9 में से 3 आरोपी नाबालिग थे
पुलिस ने 9 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इनमें से 3 आरोपी नाबालिग होने के कारण उनके विरुद्ध सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है। जबकि, 6 आरोपियों विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, भीमराठी व योगेश कुमार के विरुद्ध अदालत में चालान पेश किया था।