मुंबई। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी कैलाशवति जी के सानिध्य में दम्पति कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। महाप्रज्ञ पूज्यो जिनपति सरुपो गुरुवर” अष्टकम से दंपति पुष्पेंद्र एवं सुमन कांवडिया ने प्रोग्राम का मंगलाचरण किया । इस प्रोग्राम में आने वाले दम्पतियों का स्वागत तेरापंथ युवक परिषद के कर्मठ कार्यकर्ता नितेश एवं हिना धाकड़ ने किया। शासन श्री साध्वी कैलाशवतीजी ने कहा आदर्श दंपति जीवन जीना चाहिए धर्य के साथ हर परिस्थिति को सहन करें दांपत्य जीवन झूठे वादे ने करें। ज़िन्दगी के सुहाने सफर में शंका का वायरस कट रखें। छोटी- मोटी नोक -झोक को स्थाई रूप नहीं देना चाहिए। रामचंद्र जी एवं सिता जी में विवाद हुआ पैरों को लेकर दोनों कह रहे हैं मेरे पैर सुंदर है इतने में लक्ष्मण जी आए दोनों को खुश रखना है नाराज किसी को नहीं करना यह मसला सुलझाते हुए कहा भाभी जी पैर आपके सुंदर है क्योंकि आप भाई रामचंद्र जी के पद चिन्हों पर चलते हैं जो पत्नी पति के पद चिन्हों पर चलती है उसका दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है। शासन श्री जी ने जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा रुचि अपनी-अपनी होती है इसलिए नवयुवक तुम अगर अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाना चाहते हो तो तेल की तरह मत छाओ पति- पत्नी के जीवन पर दोनों दूध मिश्री की तरह जिओगे तो जीवन सफल बन जाएगा।
साध्वी पंकज श्री जी ने कहा – इस संसार रूपी रथ के दो पहिए हैं नर और नारी दोनों पहिए सक्षम होंगे तो जीवन रूपी गाड़ी चलती रहेगी बहुत सुंदर गीतिका गाते हुए कहा प्राण- प्राण में शांति दीप जल जाए धरती पर स्वर्ग उतर आए दोनों के भीतर दिमाग में आईस फैक्ट्री रहे और जीव्हा में शुगर फैक्ट्री रहे तो जीवन में संयम ,शांति की मिठास रहेगी। बहीनो और भाइयों- कहना सीखो , रहना सीखो, सहना सीखो। सहन करे सफल बने तलाक रूपी ग्रंथियों को मिटाने के लिए गुस्से पर काबू करें कोई भी नारी अपने पीहर का डर ने दिखाए अपने मायके वालों को अपने घर की अच्छी बातें शेयर करें। आज की विकट समस्या है कल शादी आज बर्बादी इस नारे को बदला जा सकता है। इस प्रकार के दांपत्य कार्यशाला का आयोजन करके समता, सहिष्णुता ,पॉजिटिव थिंकिंग ,प्रमोद भावना से जीवन को महकाया जा सकता है । साध्वी ललिता श्री जी, साध्वी शारदा प्रभाजी, साध्वी सुम्यक्तवयशा जी ने अपने विचार रखे । आज की कार्यशाला के मुख्य अतिथि दंपत्ति मुंबई सभा के उपाध्यक्ष नवरतन गन्ना एवं कमलाबेन गन्ना रहे ।5 दंपतियों ने अपने जीवन रूपी दामन को खुशियों से भरने के लिए बहुत ही सुंदर गीतिका प्रस्तुत की जिस के बोल थे साथी रूप निभाना हो तो क्षमता से स्रोत बहाना खुशियों के दीप जलाए । विनोद वनीता ,नितेश हिना धाकड़, दिनेश एवं शर्मिला धाकड़ ,पवन एवं रेणु बोलियां, निलेश व भावना धाकड़ । महिला मंडल की संयोजिका रेनू एवं प्रविण डागलिया ने बहुत सुंदर प्रस्तुति दी दो मुक्तको के द्वारा। विमल गीड़िया एवं उनकी धर्मपत्नी ने अपने अनुभव बताऐ। हस्ती व सविता का कछारा चुटकुलों के माध्यम से अपने विचार रखें । कविता प्रस्तुत की रेखा भरत धाकड़ ने। सौरभ ही सुख की बाड़ी है इस गीतिका को स्वर दिया दिनेश व शर्मिला धाकड़ ने। महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउंडेशन के अध्यक्ष किशनलाल अपने विचार रखते हुए कहा हम सब भगवान महावीर के सिद्धांत अनेकांत को अपनाएं तो जीवन खुशहाल हो जाएगा आज जो दंपति कार्यशाला तेरापंथ युवक परिषद ने आयोजित की है इस सफल कार्यशाला के पीछे परिषद की मेहनत ही बोल रही है।
श्यामलाल व पुष्पा कछारा ने अपने जीवन के अनुभव को शेयर किया ।ते.यु. परिषद के मंत्री राहुल मेहता ने आज के मोटिवेटर का परिचय देते हुए यह बताया कि डॉक्टर संजोए मुखर्जि मनोवैज्ञानिक ,मैरेज कांउन्सीलर, गोल्ड मेडलिस्ट ,राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता है। उनके द्वारा कराए गए प्रयोग क्षमा देना और ध्यान पर आधारित यह जो भीतर को बदलने का प्रयास करते हैं। पूरे समय को बांधकर रखा तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष पवन जी रेनू जी बोलिया के कुशल संचालन ने। इस कार्यशाला में एक गेम प्रतियोगिता रखी गई किसका नाम था लगाइए मस्तिक भरिए स्वास्तिक इस गेम में विजेता रहे जितेंद्र एवं राखी सालेचा आज के मुख्य वक्ता डॉ संजय मुखर्जी का मोमेंटो देकर अभिनंदन किया गया।
दम्पत्ति शिविर में नवरत्न कमला गन्ना, किशनलाल कमला डागलिया, नितेश हीना धाकड़, विनोद वनीता धाकड़, पवन रेणु बोलिया, प्रदीप कविता ओस्तवाल, पुष्पा श्यामलाल कच्छारा, हस्ती सविता कच्छारा, प्रवीण रेणु डागलिया, पुष्पेंद्र सुमन कावड़िया, भरत रेखा धाकड़, अजय मेघना कोठारी, दिनेश रमिला मेहता, दिनेश शर्मिला धाकड़, मदन मीना दुग्गड़, विमल सुनीता गिरिया, मनोज प्रेमा चोरडिया, ,संगीता किशन राठौड़, बंसीलाल निर्मला धाकड़, वीरेंद्र सविता निमजा, गुलाब जतन दागा, फूलचंद कमला चोपड़ा, लीला बाबूलाल चोपड़ा, अभय पिंकी कोठारी, कुंदन वसंती धाकड़, जितेंद्र राखी सालेचा, भेरूलाल सोहन कोठारी, सुखलाल निर्मला सियाल, भावना नीलेश धाकड़, नूतन संजय सोनी, मूलचंद सुंदर वागरेचा, पुष्पलाता अशोक दख, मनोहर लतिका डागलिया, कुंदन अनिता मेहता, सुरेश मीना वागरेचा, सुनीता अरुण जैन, हीरालाल गंगा कच्छारा, हिम्मत अनिता धींग, चंदा किशोर सेमलानी, नरेंद्र निर्मला पोरवाल, गोपाल ललिता कोठारी, सुमन महावीर ढेलरिया, विनोद डिंपल बरलोटा, सुखी ज्ञानचंद कोठारी, पंकज श्वेता सुराणा, पुष्पा मोड़ीलाल वागरेचा, सौरभ नरेंद्र बरमेचा, चेतना राजेश पारेख, लीला सुरेश कच्छारा, अनोखीबाई हमेरलाल कच्छारा, चेतना विनोद कच्छारा, सुरुचि रोनक दख, दीपलता नीलेश निमजा, प्रमिला प्रकाश चपलोत, निर्मला प्रकाश शिशोदिया, प्रियांका पंकज चोपड़ा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने ने में राहुल मेहता, अशोक धींग, कमलेश कच्छारा, उत्सव धाकड़, पुरण चपलोत, विरल वागरेचा, मुदित बोलिया, उर्मिला कच्छारा, रुक्मण कच्छारा, पंकज बोलिया, भूपेंद्र डागलिया, रौनक धाकड़ आदि का सहयोग रहा। यह जानकारी नीतेश धाकड़ ने दी।