वक़्तृत्व कला के विकास का माध्यम है भाषण प्रतियोगिता मुनिश्री जिनेश कुमारजी
पालघर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा 2 के सान्निध्य में तेरापंथ किशोर मंडल द्वारा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता के तीन विषय जनरेशन गैप, अपने मित्र कैसे चुने, घर परिवार में बुजुर्गों की अहमियत यह रखे गए। प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में श्री. ज्ञानेश्वर कानड़े सर व श्री. दर्शन भंडारी सर थे। प्रतियोगिता में प्रतियोगियों को तीन ग्रुप में विभाजित किया गया प्रथम ग्रुप में 8 से 15 वर्ष, द्वितीय ग्रुप में 16 से 25 वर्ष व तृतीय ग्रुप में 26 वर्ष से बड़े व्यक्तियों को लिया गया। प्रतियोगिता में 23 प्रतियोगियो ने भाग लिया।
प्रथम ग्रुप में पहले स्थान पर दिव्यम बदामिया, द्वितीय स्थान पर हिमांशी चपलोत, तृतीय स्थान अक्षिता राठौड़ रही। द्वितीय ग्रुप में पहले स्थान पर भावना बाफना द्वितीय स्थान पर कवी जैन व तृतीय स्थान पर पिंकी चपलोत रही। तृतीय ग्रुप में पहले स्थान पर दीपिका बदामिया, द्वितीय स्थान पर मयूर चपलोत तृतीय स्थान पर गजसुख बोराणा रहे।
इस अवसर पर आशीर्वचन प्रदान करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा व्यक्तित्व विकास के अनेक आयाम है उनमें एक है वक़्तृत्व कला का विकास। भाषण प्रतियोगिता वक्तृत्व कला के विकास का सुगम माध्यम है। भाषण प्रतियोगिताएं ज्ञान विकास एवं अभिव्यक्ति का श्रेष्ठ माध्यम बनती है। आज की भाषण प्रतियोगिता में निर्धारित विषयों पर प्रायः प्रतियोगियों ने सुंदर विचार रखें है सभी साधुवाद के पात्र है।
कार्यक्रम का शुभारंभ किशोर मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण अमन भोगर ने दिया। अतिथि परिचय हित तलेसरा, पारस सिंघवी व प्रतियोगिता के नियम धवल बाफना ने बताएं। आभार ज्ञापन जिगर सिंघवी व संचालन नैतिक सिंघवी ने किया।
निर्णायक श्री. ज्ञानेश्वर कानड़े सर ने प्रतियोगिता के परिणाम घोषित करते हुए अपने विचार रखें। तेरापंथ किशोर मंडल ने सभी विजेताओं को पारितोषिक देकर पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में अच्छी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। यह जानकारी दिनेश राठौड़ ने दी।