नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुर्नगठन विधेयक को वापस लिए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को नई याचिका दाखिल की गई। छह याचिकाकर्ताओं में पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक और रिटायर्ड मेजर जनरल अशोक मेहता भी शामिल हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा था कि स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया जाना और घाटी में प्रतिबंध लगाना गलत है। इससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में लगी पाबंदियों पर दखल देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि राज्य में स्थिति संवेदनशील है। सरकार पर भरोसा किया जाना चाहिए। हालांकि अदालत ने सरकार से पूछा था कि राज्य में और कब तक पाबंदियां रहेंगी। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि 2016 में ऐसी ही स्थिति को सामान्य होने में 3 महीने लगे थे।
संशोधित याचिका दायर करें: सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले भी ऐसी ही एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। सीजेआई गोगोई ने वकील एमएल शर्मा को कहा था कि मैंने आधे घंटे आपकी याचिका पढ़ी, लेकिन समझ नहीं आया कि इसमें आप कहना क्या चाहते हैं। चीफ जस्टिस ने उन्हें संशोधित याचिका दायर करने को कहा था।
हमारा लक्ष्य कश्मीर बचाना होना चाहिए: सिंह
दिग्विजय ने कहा था कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर अपने हाथ जला लिए हैं। केंद्र सरकार भले ही राज्य में सबकुछ सामान्य बता रही है, लेकिन विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स अलग बातें सामने आई हैं। हमारा पहला लक्ष्य कश्मीर को बचाना होना चाहिए।
नियमों का पालन नहीं किया गया: प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर कहा था- जिस तरीके से यह सबकुछ किया गया, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह लोकतंत्र के नियमों के खिलाफ है। ऐसे कार्यों को किए जाने को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। उनका बिल्कुल पालन नहीं किया गया।