नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की कि शारीरिक शोषण के आरोपी मेजर जनरल को सेवा से बर्खास्त किया गया है। सेना के अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा- सेना प्रमुख का यह निर्णय अंबाला में कमांडर ले.जनरल एमजेएस कहलोन ने आरोपी मेजर जनरल तक पहुंचाया।
सेना प्रमुख ने इस फैसले पर जुलाई में हस्ताक्षर कर दिए थे। ढाई साल पुराने शारीरिक शोषण से जुड़े मामले में मेजर जनरल को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने बर्खास्त किए जाने की मांग दिसंबर में की थी।
वकील ने कहा- सजा का ऐलान अवैध
इस निर्णय पर आरोपी मेजर जनरल के वकील आनंद कुमार ने कहा कि सजा की पुष्टि और ऐलान अवैध है। हमें कोर्ट मार्शल प्रक्रिया की कॉपी आज तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। ऐसे में हम याचिका भी दायर नहीं कर सकते। पुर्नमूल्यांकन आवेदन भी अभी तक लंबित है जबकि सजा की घोषणा कर दी गई है।
हमने जनरल रावत को भी सूचना दी थी: वकील
वकील ने बताया कि हमने एएफटी को कानूनी नोटिस भेजा था। इसकी सूचना जनरल रावत को भी दी गई थी। अब हम इस सजा के आदेश को चुनौती देंगे। बर्खास्त किए गए मेजर जनरल को आईपीसी की धारा 354ए और आर्मी एक्ट45 के तहत दोषी पाया गया। इसमें सैन्य अधिकारियों द्वारा सेना में किसी के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर सजा का प्रावधान है।
आरोपी मेजर ने तमाम आरोपों का खंडन किया था
सेना के नियमों के मुताबिक कोर्ट मार्शल सजा की पुष्टि के लिए मामले को उच्च अधिकारियों के पास भेजती है। आरोपी मेजर जनरल नॉर्थ ईस्ट में नियुक्त थे। घटना 2016 के आखिर के महीनों में हुई थी। आरोपी अधिकारी के खिलाफ कैप्टन रैंक की महिला अधिकारी ने आरोप लगाए थे। हालांकि आरोपी मेजर जनरल ने इन आरोपों को नकार दिया था।