विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के एक इस्लामिक कार्यक्रम में संबोधन पर मलेशिया की पुलिस ने रोक लगा दी है। यह कार्यक्रम 16 अगस्त से 18 अगस्त के बीच होना है। इस बीच पिछले हफ्ते जाकिर की तरफ से की गई ‘विवादित टिप्पणी’ को लेकर उसे पूछताछ के लिए समन किया गया है।
मलेशिया में रह रहे विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की ओर से हिन्दुओं पर दिए गए ताजा बयान के बाद उसे समन जारी कर पेश होने के निर्देश दिए हैं। कट्टर इस्लामिक उपदेशक ने हाल में मलेशिया के हिन्दू समुदाय और चीन के उयघुर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी। भारत में आतंकवादी गतिविधियों को उकसाने एवं मनी लॉ्ड्रिरंग के आरोप में वांछित जाकिर नाइक ने कहा था कि चीनी मलेशियाई लोगों को देश छोड़कर चले जाना चाहिए क्योंकि वे अब देश के पुराने मेहमान हो चुके हैं।
जाकिर पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहा है और पूर्ववर्ती सरकार ने उसे अपने देश की स्थाई नागरिकता प्रदान की थी। उसने हाल ही में कोटा भारू में एक विवादित बयान दिया कि मलेशिया के हिन्दू समुदाय के लोग प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से अधिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति वफादार हैं। मोहम्मद के दो मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक में कल कहा कि जाकिर को देश से बाहर करने की आवश्यकता है क्योंकि वह लगातार विवादित बयान दे रहा है। उसके इस बयान के बाद से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की जाकिर के प्रत्यर्पण की मांग बढ़ गयी है।”
जाकिर नाइक ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मलेशिया में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों के पास भारत में रहने वाले अल्पसंख्यक मुसलमानों की अपेक्षा 100 प्रतिशत ज्यादा अधिकार हैं। मलेशिया के संचार मंत्री गोबिंद सिंह देव और मानव संसाधन मंत्री एम कुलसेगरन ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा, “ हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और हम चाहते हैं कि जाकिर नाइक को मलेशिया में नहीं रहने दिया जाए। प्रधानमंत्री ने हमारी चिंताओं को संज्ञान में लिया है और आगे की कार्रवाई को हम उन पर छोड़ते हैं।”