मुंबई:भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में की गई गिरफ्तारियों को महाराष्ट्र पुलिस ने सही बताया। इसके लिए शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। इसमें महाराष्ट्र पुलिस के एडीशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) परमवीर सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान हमें ऐसे सबूत मिले हैं जो गिरफ्तार आरोपियों और माओवादियों के बीच का संबंध स्पष्ट कर रहे हैं। इसकी पुष्टि होने के बाद ही हमने इनके खिलाफ कार्रवाई की।
प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी ने कुछ पत्र भी दिखाए जिसमें हथियारों की खरीददारी के बारे में बात की गई है। यह पत्र रोना विल्सन ने कॉमरेड प्रकाश को लिखा था। महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि हाल ही में की गई छापेमारी के दौरान उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं जो माओवादियों द्वारा सरकार के खिलाफ की गई साजिश की ओर संकेत करता है। एक आतंकवादी संगठन भी माओवादियों के साथ इसमें शामिल था। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच 8 जनवरी से शुरू की गई थी। इसके बाद 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
एडीजी ने बताया कि इन पत्रों से जाहिर होता है कि ये कार्यकर्ता माओवादियों के साथ संपर्क में थे और कानूनी रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे थे। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2017 को हुई घटना के संबंध में 8 जनवरी, 2018 को मामला दर्ज किया गया। जांच से खुलासा हुआ कि माओवादी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश कर रहे थे और गिरफ्तार आरोपी इसमें उनकी मदद कर रहे थे।
इसके अलावा पुलिस ने जब्त कागजातों का हवाला देते हुए गिरफ्तार आरोपियों और माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के बीच संवाद का भी खुलासा किया और कहा कि इसमें आतंकी संगठन के साथ भी संपर्क जाहिर होता है। पत्र में कॉमरेड मंगलू, कॉमरेड दीपू, सुरेंद्र गाडलिंग और रोना विल्सन का नाम भी शामिल है। साथ ही पत्र में ‘राजीव गांधी की तरह’ का घटना कराने का उल्लेख है।
बता दें कि सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फेरेरा, वरनन गोनसाल्वेस और पी वरवरा राव को पुलिस ने गत मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, इन गिरफ्तार वामपंथी विचारकों का प्रतिबंधित संगठन से संबंध है।
सिंह ने आगे कहा, ‘सभी गिरफ्तार किए गए लोग कबीर कला मंच से जुड़े हुए थे। हमें सीपीआइ माओवादियों को लिखे गए मेल व खत प्राप्त हुए हैं। मामले में और जांच जारी है।’
महाराष्ट्र पुलिस का बड़ा खुलासा, अातंकवादियों से भी था माओवादी विचारकों का संपर्क

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