जिसने की मिलावट, उसे लौटा दो सामान: हाई कोर्ट

नई दिल्ली:हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुझाव देते हुए कहा कि खाने-पीने की चीजों को मिलावट से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर जांच और मिलावटी चीजों को निर्माता या किसानों को लौटा दिए जाने जैसे कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने खासतौर पर फलों और सब्जियों में केमिकल के जरिए मिलावट के संबंध में यह बात कही।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने कहा, ‘कुछ न कुछ ऐसा तो करना पड़ेगा, जिससे लोगों को मिलावटी चीजें खाने से बचाया जा सके। क्योंकि इनकी वजह से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।’ कोर्ट ने कहा कि बड़े स्तर पर जांच करने से ही यह पता चल सकता है कि मिलावट हुई है या नहीं। जैसे किसान या व्यापारियों द्वारा फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाना।
बेंच ने आगे कहा, दिल्ली सरकार की एग्रीकल्चरल मार्केट कमिटी जगह-जगह मोबाइल वैन भेजकर राष्ट्रीय राजधानी में बाहरी राज्यों से आने वाली चीजों की जांच करवा सकती है। चेकिंग और टेस्टिंग बड़े स्तर पर और नियमित रूप से होनी चाहिए। अब वक्त आ गया है जब मोबाइल वैनों को भेजकर ये काम कराया जाए। इसके लिए दिल्ली सरकार कृषि क्षेत्र में काम करने वाली प्राइवेट एजेंसियों की मदद भी ले सकती है।
बेंच ने सरकार से कहा है कि वह बाहर से यहां आने वाली चीजों में से 10 से 20 फीसदी की जांच के लिए सिस्टम तैयार करने की संभावनाओं पर विचार करे। सरकार को अगली सुनवाई की तारीख 27 सितंबर तक बेंच को अपने फूड इंस्पेक्टर द्वारा सैंपल लेने और जांच की स्थिति भी बतानी है ।
हाई कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें खाने की चीजों में केमिकलों और पेस्टिसाइड्स के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के निर्देश देने की मांग की गई है। खासतौर पर यहां आने वाले एग्रीकल्चरल प्रॉडक्ट्स में।

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