काठमांडू:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के लिए पड़ोसी देश सबसे पहले हैं और वह उनके साथ सहयोग और मजबूत करने को पहले से प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, भारत अपने आसपास के देशों के बीच क्षेत्रीय संपर्क सुविधाओं के विस्तार तथा आतंकवाद और मादक द्रव्यों की तस्करी को रोकने के लिए बिम्सटेक क्षेत्रीय समूह के सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि संपर्क-व्यापार संपर्क, आर्थिक संपर्क, परिवहन संपर्क, डिजिटल संपर्क और लोगों का लोगों से संपर्क में बड़े अवसर निहित हैं। मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र भारत की पड़ोसी प्रथम तथा एक्ट ईस्ट नीति का मिलन स्थल बन गया है। इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। चौथा बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन 30 अगस्त से शुरू हुआ और यह 31 अगस्त तक चलेगा।
बंगाल की खाड़ी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण
मोदी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी हम सभी की सुरक्षा तथा विकास के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मोदी ने कहा, क्षेत्र में कोई ऐसा देश नहीं है जो आतंकवाद तथा सीमापारीय-राष्ट्रीय अपराध का शिकार नहीं बना हो। भारत बिम्सटेक की रूपरेखा के तहत मादक द्रव्य जैसे विषयों पर सम्मेलन की मेजबानी करने को तैयार है।
आपदा में सहयोग का आह्वान किया
मोदी ने कहा, बिम्सटेक के सदस्य देश हिमालय और बंगाल की खाड़ी के मध्य स्थित हैं और बार-बार बाढ़, चक्रवात और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझते हैं। उन्होंने मानवीय सहायता तथा आपदा राहत कार्यों में सहयोग और समन्वय का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमें हमारे साझा फायदे के लिए व्यापार, आर्थिक, परिवहन, डिजिटल और लोगों का लोगों से संपर्क के क्षेत्रों में साथ काम करने की जरूरत है।
कृषि शोध में स्टार्टअप का प्रस्ताव
मोदी ने कहा कि सदस्य देशों के साझा फायदे के लिए कृषि शोध के क्षेत्रों में संगोष्ठी की मेजबानी करने तथा स्टार्टअप समेत कई मुहिम शुरू करने का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति एवं अन्य विषयों में शोध के लिए भारत नालंदा विश्वविद्यालय में सेंटर फोर बे ऑफ बंगाल स्टडीज स्थापित करेगा।
2020 में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सभा का आयोजन
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सभा का आयोजन करेगा। उन्होंने सभी बिम्सटेक देशों को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित भी किया। मोदी ने कहा कि भारत डिजिटल संपर्क के क्षेत्र में श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का विस्तार करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने बिम्सटेक युवा सम्मेलन आयोजित करने और बिम्सटेक महिला सांसद मंच गठित करने का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने भारत में अगले महीने होने वाले बिम्सटेक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास की सराहना की।
मोदी की भंडारी, सिरीसेना और शेख हसीना से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिम्सटेक के अन्य सदस्य देशों के नेताओं ने गुरुवार को संयुक्त रूप से यहां नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। इसके साथ ही मोदी ने बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना से मुलाकात कर आर्थिक एवं सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। साथ ही श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से भी मुलाकात की।
बिम्सटेक क्या है
-यह कुछ देशों का समूह है जिसका पूरा नाम ‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन’ है
-दक्षेस के पांच देश भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल व श्रीलंका और आसियान के दो देश म्यांमार व थाईलैंड इस समूह के सदस्य हैं
-22 फीसदी आबादी विश्व की, इस समूह के देशों में रहती है
-2.8 खबर डॉलर है इन देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद