नई दिल्ली. नीरव मोदी ने एक हीरे को दुनियाभर में घुमाया। 3 कैरेट का एक ही हीरा नीरव मोदी की संदिग्ध कंपनियों को चार बार भेजा गया। 2011 में पांच हफ्ते के अंदर यह सब हुआ। राउंड ट्रिपिंग का यह खेल ही सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले (पीएनबी फ्रॉड) की जड़ था। अमेरिका के सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन और न्याय विभाग के वकील की जांच में यह सामने आया है। ब्लूमबर्ग ने इस रिपोर्ट के हवाले से बताया कि नीरव ने 2011 से 2017 के बीच कुल 21.38 करोड़ डॉलर के फर्जी बिल तैयार किए। इनके आधार पर वह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स के जरिए पंजाब नेशनल बैंक से लोन लेता रहा।
बिक्री में तेजी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने कई देशों में 4 अरब डॉलर का लोन लिया। इसके लिए 20 फर्जी कंपनियों के जरिए लेनदेन दिखाया गया। अगस्त 2011 में पीले-नारंगी रंग का एक चमकीला हीरा सबसे पहले अमेरिकी कंपनी फायरस्टार डायमंड को बेचा गया। फिर इसे हॉन्गकॉन्ग स्थित फैंसी क्रिएशन नाम की शेल कंपनी को भेजा गया। इसकी कीमत 11 लाख डॉलर बताई गई। इन दोनों फर्मों का मालिक परोक्ष तौर से खुद नीरव मोदी ही था। दो हफ्ते बाद इसी हीरे को सोलर एक्सपोर्ट कंपनी को भेजा गया। कीमत 1.83 लाख डॉलर दिखाई गई। सोलर एक्सपोर्ट भी नीरव मोदी फैमिली ट्रस्ट की पार्टनरशिप वाली कंपनी थी, जो फायरस्टार डायमंड के स्वामित्व वाली थी।
यूएई में थी नीरव की शेल कंपनी : रिपोर्ट के मुताबिक, एक हफ्ते के अंदर ही न्यूयॉर्क स्थित फायरस्टार ने फिर से हॉन्गकॉन्ग स्थित फैंसी क्रिएशन को हीरा भेज दिया। इस बार हीरा 11.6 लाख डॉलर का बताया गया। दो हफ्ते बाद न्यूयॉर्क स्थित ए. जेफ डायमंड कंपनी ने वर्ल्ड डायमंड डिस्ट्रीब्यूशन को हीरा बेच दिया। इस बार 12 लाख का बिल बनाया। वर्ल्ड डायमंड भी यूएई में स्थित नीरव मोदी की शेल कंपनी थी। ये सिलसिला आगे भी चलता रहा।
दूसरे कोरियर से हीरे एक्सपोर्ट किए : अमेरिका में मोदी की कंपनियों का जिस कुरियर फर्म से कॉन्ट्रेक्ट था, उसकी बजाय फेडएक्स कुरियर नाम की फर्म के जरिए हीरे एक्सपोर्ट किए। इनमें 17 लाख डॉलर मूल्य का 17 कैरेट का हीरा भी शामिल था। जबकि फेडएक्स ने सिर्फ 1.5 लाख डॉलर का इंश्योरेंस किया। एक्सपर्ट के मुताबिक इस रिपोर्ट से नीरव की संपत्तियों पर पीएनबी का दावा मजबूत होगा। अमेरिका में फायरस्टार डायमंड के असेट्स की बिक्री शुरू होने पर पीएनबी भी हिस्सा मांग सकता है।