पालघर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी ठाणा 2 के सानिध्य में जैन विद्या सप्ताह के समापन समारोह का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा तेरापंथ भवन में किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा हमारे जीवन का संचालन तत्व प्रकाश है। बाह्य प्रकाश हमारी बाह्य प्रवृत्तियों को संचालित करता है। आंतरिक प्रवृत्तियों को को संचालन में ज्ञान की भूमिका रहती है। ज्ञान प्रकाश देता है। ज्ञान खुशियों का मार्ग है। ज्ञान कल्याण का पथ प्रशस्त करता है। आचार्य श्री तुलसी ने जैन विद्या के प्रसार के लिए भगीरथ प्रयत्न किए जिसकी बदौलत समण संस्कृति संकाय लाडनू द्वारा जैन विद्या पाठ्यक्रम परीक्षा का संचालन किया जाता है। जैन विद्या सप्ताह समापन के अवसर पर सभी संकल्प ले कि हमें जैन विद्या के प्रसार के लिए और अधिक प्रयत्न करेंगे जिससे ज्ञान चेतना वर्ष मनाना सार्थक एवं सफल हो सकेंगा मुनिश्री जी ने आगे कहा जैन विद्या ज्ञान का अनमोल खजाना है। जैन विद्या जीवन जीने की नई राह दिखाती है। जैन विद्या से जैन संस्कारों एवं मानवीय मूल्यों का संवर्धन होता है। सभी लोग जैन विद्या से जुड़कर अपने ज्ञान के भंडार को समृद्ध करें। जैन विद्या के प्रसार के लिए सभी लोग साधुवाद के पात्र हैं।
केंद्र व्यवस्थापक सुखलालजी तलेसरा ने अपने व्यक्तव्य में कहा पालघर जैन विद्या केंद्र 44 वर्षो से निरंतर चल रहा है और करीबन 30 वर्षो से मैं केंद्र व्यवस्थापक का दायित्वों का वहन रहा हू।
पूज्यप्रवर के सपनो को साकार करना है। ज्ञान चेतना वर्ष में जैन विद्या का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो। चारित्र आत्माओ के सान्निध्य में ज्यादा से ज्यादा जैन विद्या की परीक्षा दे।
कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल की बहनों द्वारा जैन विद्या गीत से हुआ। जिसमें अणुव्रत समिति अध्यक्ष देवीलाल जी सिंघवी, हितेश बदामिया, गजसुख बोराणा, तेयुप अध्यक्ष हितेश सिंघवी, आशा परमार, पायल बाफना ने जैन विद्या के बारे मे अपने भावो की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन सहकेंद्र व्यवस्थापक दिनेश राठौड़ ने किया।
पालघर में जैन विद्या सप्ताह समापन समारोह का प्रेरक आयोजन
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