मुंबई। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में दलितों और हिन्दू संगठनों के बीच के हुई हिंसा मामले को लेकर कई जगह पुलिस ने कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घर और ठिकानों पर छापेमारी की है। जबकि इस मामले में मुख्य आरोपी मिलिंद एकबोटे व संभाजी भिड़े अभी भी बाहर हैं। एकबोटे की गिरफ्तारी भी हुई थी लेकिन संभाजी भिड़े से अभी तक एक भी बार पूछताछ तक नहीं हो सकी है।
पुलिस ने इस मामले में फरीदाबाद से सुधा भारद्वाज और हैदराबाद से वरवरा राव को गिरफ्तार किया है। वहीं इस मामले के तार झारखंड के रांची से जुड़ रहे हैं। महाराष्ट्र पुलिस की टीम ने मंगलवार को रांची में छापेमारी की है। पुलिस ने इस मामले में अरुण फ़रेरा और वेनोन गोंजाल्विस को हिरासत में लिया है। पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के पास से मिले लैपटॉप, पेन ड्राइव और कागजात भी बरामद किए हैं। पुलिस ने इस मामले में मुंबई, रांची और हैदराबाद में भी छापेमारी कर रही है। ये सभी छापे समर्थक के होने के शक में हो रही है। जून महीने में इस संदर्भ में कबीर कला मंच के सुधीर ढवले और नागपुर से एक वकील सुरेंद्र गडलिंग को गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान नये साल के दिन पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच संघर्ष हो गया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इस परिषद के दूसरे दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा हुई थी। हिंसा के लिए एलगार परिषद के आयोजन पर भी आरोप लगाया गया था।
भीमा कोरेगांव हिंसाः दो मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ्तार, कई जगह छापेमारी
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