नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ऐसे मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिये विशेष सुविधा के तौर पर डिजिटल प्रमाणपत्र एवं अंकतालिकायें देने का निर्णय लिया है जिनकी बोर्ड परीक्षाओं के कागजात जैसे अंकतालिकायें, स्थानान्तरण प्रमाण पत्र, उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र केरल की बाढ़ में या तो बह गये हैं या फिर क्षतिग्रस्त हो गये हैं। केरल में १,३०० से ज्यादा विद्यालय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। बोर्ड परीक्षा के शैक्षिक दस्तावेज उच्च शिक्षा में प्रवेश या फिर रोजगार इत्यादि के लिये महत्वपूर्ण होते हैं। सीबीएसई ने एनईजीडी के तकनीकी सहयोग से परिणाम मंजुषा नाम का अपने प्रकार का पहला डिजिटल शैक्षिक दस्तावेजों का कोष तैयार किया है। इस शैक्षिक कोष को डिजिलाकर के साथ एकीकृत किया गया है। परिणाम मंजूषा/डिजिलाकर के जरिये प्रदत्त डिजिटल शैक्षिक दस्तावेज सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक द्वारा डिजिटल हस्ताक्षरित हैं जो कि उन्हें आईटी कानून के मुताबिक वैध डिजिटल दस्तावेज का दर्जा प्रदान करते हैं। इन दस्तावेजों में पीकेआई पर आधारित क्यूआर कोड भी हैं और इनकी प्रामाणिकता को डिजिलाकर एप्प के जरिये जांचा जा सकता है।