वॉशिंगटन:अमेरिका के एक सर्वोच्च कमांडर ने कहा कि भारत का रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली हासिल करना अमेरिका के लिए एक “समस्या” है और कहा कि वॉशिंगटन इस मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत करता रहेगा।
भारत ने रूस के साथ पिछले साल अक्टूबर में एक समझौता किया था जिसके तहत 40 हजार करोड़ की लागत से एस-400 मिसाइल प्रणाली ली जानी है। हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप डेविडसन ने कोलाराडो में एस्पन सिक्योरिटी फोरम को बताया, “भारत एस-400 हासिल कर रहा है। यह रूस की वायु रक्षा प्रणाली है। यह थोड़ी समस्या है। लेकिन हम बातचीत जारी रखेंगे।”
डेविडसन की यह प्रतिक्रिया पूर्व अमेरिकी कूटनीतिज्ञ निक बर्न्स के एक सवाल पर आई। बर्न्स ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि वह भारत को यह स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं कि रूसी वायु रक्षा प्रणाली की खरीद उसके लिये लाभदायी नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी उपकरण दुनियाभर में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल अमेरिका द्वारा कई देशों पर रूसी हथियारों का ना खरीदने की धमकी देने के चलते रूस को अपने हथियारों की बिक्री के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जोकि पिछले वर्ष 19 अरब डॉलर थी। अमेरिका द्वारा धमकी दिए जाने के बावजूद भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। राजनयिक सूत्रों ने कहा कि रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिकी प्रतिबंध से छूट की शर्तों को भारत पूरा करता है। इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के पास हमारे हित में छूट देने का पर्याप्त मौका है।
भारत का रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम लेना अमेरिका के लिए परेशानी का सबब
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