नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय जेलों की खराब स्थिति का हवाला देते हुए अरबपति कारोबारी मेहुल चोकसी ने अपने भारत प्रत्यर्पण का विरोध किया है। गौरतलब है कि सीबीआई ने मेहुल चोकसी के खिलाफ ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ जारी करने को लेकर अर्जी दी थी। मेहुल चोकसी पीएनबी के साथ 14 हज़ार करोड़ के लोन घोटाले के आरोपी हैं। बिज़नेस टाइकून विजय माल्या के खिलाफ भी भारत प्रत्यर्पण का केस चल रहा है। उन्होंने भी भारत में जेलों की खराब स्थिति को लेकर शिकायत की थी। चोकसी इस वक्त एंटीगुआ के नागरिक हैं। गौरतलब है कि कैरेबियन देश ने नागरिकता देने के पहले जब चोकसी की पृष्ठभूमि की जांच के लिए पूछताछ की थी तो उस वक्त भारतीय एजेंसियों ने उनके खिलाफ किसी भी तरह की प्रतिकूल या विपरीत सूचना नहीं दी थी। नाम बताए बिना किसी अधिकारी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने कहा, चोकसी के दलील के उत्तर में सीबीआई ने कहा कि इस मामले में जो लोग जेल में हैं या ज़मानत पर बाहर हैं। उन लोगों ने कभी भी इस तरह की शिकायत नहीं की। जेलों की सारी व्यव्स्था जेल मैनुअल्स के हिसाब से की गई है।
उसी अधिकारी ने कहा, हर राज्य और देश में मानवाधिकार आयोग है। किसी भी तरह से अगर मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है तो ये संस्थाएं उसकी जांच करेंगी। पीएनबी घोटाले मामले में पिछले हफ्ते ब्रिटेन ने नीरव मोदी के वहां मौजूद होने की पुष्टि की थी। मेहुल चोकसी नीरव मोदी के मामा हैं। जब ब्रिटेन की कोर्ट ने जेल की स्थिति को लेकर सवाल उठाया था तो सीबीआई ने वहां के अधिकारियों को बैरक की वीडियो भेज दी जहां पर विजय माल्या को रखा जाना था। विजय माल्या के ऊपर 17 बैंकों के 9000 करोड़ का ऋण बाकी है।
भारतीय जेलों की खराब हालात को लेकर चोकसी ने किया प्रत्यर्पण का विरोध
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