नई दिल्ली (ईएमएस)। आसमान छूती पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर वृद्धि का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इस बार डीजल ने पहले रिकॉर्ड स्तर की ऊंचाई छुई है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। दाम बढऩे की देर थी कि कांग्रेस सड़क पर उतर आई। मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं ने गाड़ी को ठेले पर रखकर प्रदर्शन किया।
इंडियन ऑयल के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 69.46 रुपए हो गई है। यह पहली बार है, जब डीजल यहां इतनी ज्यादा कीमत पर मिल रहा है। कोलकाता में डीजल 72.31 और चेन्नई में इसके लिए 73.38 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं। यहां भी यह नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। मुंबई में सोमवार को एक लीटर डीजल के लिए 73.74 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं।
सोमवार को पेट्रोल की कीमतों में 13 से 14 पैसे प्रति लीटर का उछाल आया है। इसके चलते दिल्ली में इसकी कीमत 77.91 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है।
5 फीसदी बढ़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। कमजोर होता रुपया और मजबूत होते डॉलर ने भी ईंधन की कीमतों को बढ़ाने का काम किया है। पिछले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में बहुत तेजी देखने को मिली है। पिछले सप्ताह कच्चे तेल केे दाम में 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी आई है।
कमजोर रुपया और मजबूत डॉलर प्रमुख कारण
कच्चे तेल के अलावा डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये ने भी ईंधन की कीमतें बढ़ाने का काम किया है। फिलहाल रुपया 70 के पार बना हुआ है। तुर्की में जारी आर्थिक संकट के चलते रुपये में गिरावट है। इसकी वजह से तेल कंपनियों को कच्चे तेल को आयात करने पर ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं।
ट्रांसपोर्ट पर असर, बढ़ेगी महंगाई
पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। डीजल की कीमतों में अचानक भारी उछाल आया है। डीजल सोमवार को अब तक के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली में एक लीटर डीजल का का दाम 69.46 रुपये पर पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली में इतना महंगा डीजल कभी नहीं बिका। डीजल के लिए ये और अहम है, क्योंकि डीजल पर निर्भर है माल ढुलाई, पब्लिक ढुलाई भी। अगर डीजल बढ़ेगा तो समझ लीजिए कि बाजार में महंगाई भी बढ़ेगी। दूसरी अहम बात कि पेट्रोल और डीजल के बीच कीमतों का फर्क बहुत कम हो गया है।
29 रुपये की कमाई कर रही सरकार
सरकार की माने तो पेट्रोल और डीजल के दाम हम तय नहीं करते। बाजार तय करता है। लेकिन, जब सरकार ये दलील देती है तब ये सच नहीं बताती है कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स से कितनी कमाई हो रही है। डीजल की कीमत है तो 41 रुपये लेकिन, टैक्स लगाकर सरकारी तेल कंपनियां 70 रुपये प्रति लीटर बेच रही हैं। सरकार एक लीटर पर करीब 29 रुपये की कमाई कर रही है। पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार वृद्धि से आम आदमी परेशान है, लेकिन सरकार का जनता को राहत देने का इरादा नहीं दिखता। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम पूरे देश में सबसे कम इसलिए हैं, क्योंकि यहां सेल्स टैक्स और वैट की दर सबसे कम है। पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि से लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है। खासतौर पर डीजल के दाम बढऩे से किसानों को बहुत परेशानी हो रही है। डीजल के दाम में तो 8 महीने में 10 रुपए की वृद्धि हुई है। अगर वर्ष 2017-18 की बात करें तो राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगे वैट से 2.09 लाख करोड़ रुपए कमाए तो वहीं केंद्र सरकार ने 2017-18 वित्तीय वर्ष में 3.43 लाख करोड़ रुपए कमाए। पेट्रोल पर अगर करों की बात करें, तो डीजल पर डीलर का कमीशन 2.51 रुपए प्रति लीटर, एक्साइज ड्यूटी 15.33 रुपए और वैट की दर 10.16 है, जबकि पेट्रोल पर डीलर का कमीशन 3.61 रुपए प्रति लीटर, एक्साइज ड्यूटी 19.48 रुपए और वैट की दर 16.47 है।
जीएसटी के दायरे में लाने की योजना नहीं
पेट्रोल और डीजल को निकट भविष्य में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। इसकी प्रमुख वजह राज्य और केंद्र सरकारों का इसके पक्ष में नहीं होना है, क्योंकि उन्हें राजस्व नुकसान होने का डर है। पिछले साल जब जुलाई में जीएसटी को लागू किया गया था तब पांच पेट्रो उत्पादों को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। यह उत्पाद पेट्रोल, डीजल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन (एटीएफ) हैं। सूत्रों के मुताबिक 4 अगस्त को जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर चर्चा हुई थी। लेकिन, सभी राज्यों ने इसका विरोध किया था।
कमलनाथ बोले, ये है अच्छे दिन की सरकार
भोपाल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग लग गई। भोपाल में पेट्रोल 15 पैसे और डीजल 13 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा ये है सरकार के अच्छे दिन। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रदेश में डीजल की दर उच्चतम स्तर पर। पेट्रोल भी उच्चतम स्तर छुने को तैयार। शिवराज सरकार न टैक्स कम करने को तैयार न ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को तैयार। जनता महंगाई की मार भुगत रही है। ये है अच्छे दिन की सरकार।
कांग्रेस ने कहा- चंद माह की मेहमान है केंद्र सरकार
इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चंद माह की मेहमान है मोदी सरकार।
पेट्रोल-डीजल ने लगाई आग, देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन

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