अनिल अंबानी का कानूनी नोटिस मजाक बना

नई दिल्ली (ईएमएस)। राफेल घोटाले को लेकर कांग्रेस नेताओं को जो नोटिस रिलायंस समूह की दिग्गज कंपनी द्वारा जारी करने की बात कही जा रही थी, वह नोटिस फर्जी निकला। यह नोटिस किसने भेजा है, इसके बारे में भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण इसे केवल प्रचार मीडिया का एक हिस्सा माना जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने जब इस नोटिस की सत्यता जानने का प्रयास किया, जिस ईमेल के माध्यम से नोटिस भेजा गया था, उसमें भेजने वाले का नाम नहीं था। नो‎टिस किस संस्थान द्वारा भेजा गया है, इसका भी उल्लेख नहीं था। किसी ला फर्म या एडवोकेट का भी नाम उस नोटिस में नहीं है।
अनजान ई-मेल से भेजे गए इस नोटिस को अधिकांश लोगों ने अटैचमेंट में वायरस होने की आशंका के कारण खोला ही नहीं है जिन लोगों ने खोला था। उसके आधार पर जब जांच की गई तो इस नोटिस को किसके द्वारा भेजा गया है यह भी स्पष्ट नहीं हुआ। कांग्रेस के द्वारा यह कहा जा रहा है कि यह नोटिस किसी रणनीति के तहत केवल कांग्रेस को दबाव में लाने के लिए प्रचारित कराया गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इतनी बड़ी कम्पनी यदि इस तरह की चूक करती है, तो निश्चित रुप से कोई ना कोई रणनीति जरूर इसके पीछे काम कर रही होगी।

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