मुम्बई: मंगलवार को गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व के अवसर पर ठाकुरद्वार की पावन धरा पर मेवाड़ के तारणहार, नाकोड़ा तीर्थोद्धारक, जिनशासन के गौरवशाली सुवर्ण मय इतिहास में 232 प्रतिष्ठाकारक , ज्योतिष -शिल्प दिवाकर परम पूज्य आचार्य देव श्रीमद विजय हिमाचलसूरीश्वरजी म. सा.के पट्टप्रभावक शिष्य रत्न मेवाड़ दीपक आध्यत्म मूर्ति प.पू. पन्यास प्रवर श्री रत्नाकर विजयजी म.सा. के शिष्य रत्न प.पू. आचार्य देव श्रीमद विजय रविशेखरसूरीश्वरजी म. सा., परम पूज्य पन्यास श्री ललितशेखर विजयजी म.सा. एवं मुनिराज श्री बोधिरत्न विजयजी म. सा. सानिध्य में भव्य प्रवचन एवं कार्यक्रम आयोज हुआ।
परम पूज्य पन्यास श्री ललितशेखर विजयजी म.सा ने फरमाया की मोह का अंधकार मनुष्य के जीवन में छाया हुआ है उसे दिखाई नही दे रहा है कि कौन हमारा है कौन पराया हैं। ऐसे में भगवान का आश्रय ही हमारा सहारा बन सकता हैं। वही हमें सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। क्योंकि जिनके जीवन में परमात्मा की वाणी होती है वही कठिन समय में सहज रह पाता हैं।
इस मौके पर प्रवचन में सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे और श्री ठाकुरद्वार जैन श्वे. मू. पू. संघ के पदाधिकारियों में चंदनमल संघवी, धनराज वागोणी, शांतिलाल फागणिया, रमेश परमार, रसिक पालरेचा, मांगीलाल मेहता, आदि भी मौजूद रहे ।
ठाकुरद्वार में गुरु पूर्णिमा पर प.पू. आचार्य देव श्रीमद विजय रविशेखरसूरीश्वरजी म. सा. के सानिध्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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