व्यास पूजा। गुरु पूर्णिमा। खंडग्रास चंद्रग्रहण।सूर्य दक्षिणायन। सूर्य उत्तर गोल। वर्षा ऋतु। अपराह्न 3 बजे से सायं 4.30 बजे तक राहुकालम्। चंद्रग्रहण रात 1:30 बजे से 4:30 बजे तक पड़ेगा। शाम 5 बजे से सूतक लग जाएगा।
सूतक 9 घंटे अर्थात 16 जुलाई की शाम 4 बज कर 31 मिनट से शुरू होगा। ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को धनु राशि के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है, जो अर्धरात्रि में 3 बज कर 15 मिनट पर चंद्रमा के मकर राशि में जाने से धनु व मकर, दोनों राशि वालों को संकट प्रदान करने वाला होगा। वैसे भी यह दोनों राशियां शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं। इसी दिन गुरु पूर्णिमा भी है।
16 जुलाई, मंगलवार, 25 आषाढ़ (सौर) शक 1941, 1 श्रावण मास प्रविष्टे 2076, 12 जिल्काद सन् हिजरी 1440, आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा रात्रि 3.08 बजे तक उपरांत प्रतिपदा, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात्रि 8.43 बजे तक तदनंतर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग रात्रि 3.21 बजे तक पश्चात् विषकुम्भ योग, विष्टि (भद्रा) मध्याह्न 2.25 बजे तक, चंद्रमा रात्रि 3.15 बजे तक धनु राशि में उपरांत मकर राशि में। .