देश ही नहीं, दुनिया के किसी भी कोने में अगर आतंकी हमलों में भारतीय नागरिकों या संपत्ति को क्षति पहुंचती है तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच कर सकेगी। लोकसभा ने सोमवार को एनआईए को और ताकत देने वाले संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी।
नए कानून में जांच एजेंसी को मानव तस्करी और साइबर अपराध से जुड़े विषयों की जांच करने का भी अधिकार होगा। आतंकवाद में साइबर माध्यमों के उपयोग के चलते इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। आतंकवाद के बढ़ते स्वरूप और दुनिया भर में भारतीयों की सुरक्षा के लिहाज से यह बिल जरूरी था।
विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कानून का इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद के खात्मे के लिए होगा। इसके दुरुपयोग की आशंकाओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की एनआईए कानून का दुरुपयोग करने की न तो कोई इच्छा है और न ही कोई मंशा है। इस कानून का शुद्ध रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा।
चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, आज जब दुनिया को आतंक के खतरे से निपटना है, ऐसे में विधेयक का उद्देश्य एनआईए को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म, जाति और क्षेत्र नहीं होता। यह मानवता के खिलाफ है। इसके खिलाफ लड़ने की सरकार, संसद और सभी दलों की जिम्मेदारी है। इस कानून से केंद्र और राज्य सरकार मामलों की सुनवाई के लिए एक या अधिक अदालतें स्थापित कर सकेंगी।
278 मतों से लोकसभा ने बिल को मंजूरी दी।
6 मत संशोधन विधेयक के खिलाफ पड़े।
नई ताकत
– विदेश में भारतीयों या भारत के हितों के खिलाफ अपराध की जांच कर सकेगी।
– साइबर अपराध और मानव तस्करी के मामलों का भी एनआईए अन्वेषण कर सकेगी।
– केंद्र और राज्य सरकार मामलों की सुनवाई के लिए एक या अधिक अदालतें स्थापित कर सकेंगी।
एनआईए की सफलता
– 272 मामलों की प्राथमिकी दर्ज की जांच शुरू की।
– 52 मामलों में फैसला आया, 46 में दोषसिद्धी हुई।
विधेयक क्यों जरूरी
गृहमंत्री ने कहा, यह समझना होगा कि श्रीलंका में हमला हुआ, हमारे लोग मारे गए, बांग्लादेश में हमारे लोग मारे गए लेकिन देश से बाहर जांच करने का अधिकार एजेंसी को नहीं है। ऐसे में यह संशोधन एनआईए को ऐसी जांच का अधिकार प्रदान करेगा।
किसने क्या कहा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कार्रवाई करते वक्त किसी का धर्म नहीं देखते। हमें आतंक के खिलाफ एक होकर लड़ना चाहिए और यह कानून एजेंसी को ताकत देने का काम करेगा।”
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, “सरकार एनआईए और आधार जैसे कानूनों में संशोधन करके भारत को ‘पुलिस स्टेट’ में बदलना चाहती है। एनआईए पुलिस एजेंसी जैसा न बनाएं।”