नई दिल्ली:भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे को चालू करने, उससे संबंधित तकनीकी मामलों और इस संबंध में मसौदा समझौते पर चर्चा करने के लिए रविवार को दूसरे दौर की बातचीत की। बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान पाकिस्तान से रोजाना 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में दर्शन करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। वहीं, पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि 10,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर जाने की अनुमति दी जाए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की ओर से बनाए जा रहे पुल का विवरण साझा किया गया और पाकिस्तान से उनकी तरफ से पुल बनाने का आग्रह किया गया है। यह बाढ़ संबंधी चिंताओं को दूर करेगा और तीर्थ यात्रा सुनिश्चित करेगा। पाकिस्तान जल्द पुल निर्माण करने के लिए सहमत है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि केवल भारतीय नागरिकों को ही नहीं, बल्कि ओसीआई कार्ड रखने वाले भारतीय मूल (PIO) के व्यक्तियों को भी करतारपुर कॉरिडोर सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए। गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए पाकिस्तान ने भारत को नवंबर 2019 में गलियारे को चालू करने के लिए अंतरिम व्यवस्था करने की पेशकश की।
गौरतलब है कि यह कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम बनाएगा। वे इस गलियारे के माध्यम से बिना वीजा के आवागमन कर सकेंगे। उन्हें करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा। करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने 1522 में स्थापित किया था।
बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद है। गलियारे का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।’