मुम्बई। तेरापंथ भवन कांदिवली में गुरुवार को तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य प्रो. मुनि महेन्द्रकुमारजी आदिठाना-5 का भव्य चातुर्मासिक प्रवेश हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में समाज के श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही। गुरुवार को दोपहर 12.15 बजे प्रो. मुनि श्री महेन्द्रकुमारजी, मुनिश्री अजीतकुमारजी, मुनिश्री जागृतकुमार कुमारजी, मुनिश्री अभिजीतकुमारजी, मुनिश्री सिद्धकुमारजी ठाकुर विलेज स्थित ठाकुर ज्वेल से विहार करके भव्य रैली के साथ कांदिवली भवन पहुंचे जहां उनके स्वागत हेतु कई पदाधिकारी मौजूद थे। यहां पहुंचने पर विधिवत मंत्रोचार के साथ भवन में प्रवेश किया। तदुपरांत भवन के पहले माले पर स्थित सभा भवन में श्रावक-श्राविकाओं ने मुनिवृन्द का स्वागत अभिनंदन किया।
स्वागत अभिनंदन के इस क्रम में बोरीवली महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया उसके बाद महिला मंडल कांदिवली द्वारा स्वागत गीत गाया गया। यूथ कनेक्ट कार्यक्रम ‘अनोखा होगा यह चातुर्मास’ कन्या मंडल तथा महिला मंडल मलाड ने प्रस्तुत किया। कांदिवली युवक परिषद ने गीतिका प्रस्तुत की। महिला मंडल दहिसर ने गीतिका के माध्यम से, तेयुप बोरीवली के अध्यक्ष भरत छाजेड़, तेयुप मलाड से अनिल चोरडिया, तेयुप कांदिवली के अध्यक्ष अशोक कोठारी, कांदिवली महिला मंडल की संयोजिका प्रतिमा पींचा, बोरीवली की संयोजिका संगीता धाकड़, महिला मंडल मुम्बई की पूर्व अध्यक्षा भारती सेठिया, रचना हिरण, श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन से जयचंद सांखला, प्रेक्षा ध्यान स्वास्थ्य केंद्र के संयोजक प्रमोद डांगी, कांदिवली सभा के उपाध्यक्ष पारस दुगड़, मलाड सभा अध्यक्ष दलपत बाबेल आदि ने मुनिवृन्द के समक्ष अपनी भावनाएं व्यक्त की। धर्मचंद श्यामसुखा ने कमलमुनि जी द्वारा रचित गीतिका का गायन किया।
इस मौके उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए मुनि सिद्धकुमार जी ने कहा कि आज का प्रवेश मुझे हमेशा याद रहेगा क्योंकि मेरा यह पहला ऐसा चातुर्मास प्रवेश है जो इतने लंबे जुलूस के साथ प्रवेश हुआ। यह मेरे लिए संस्मर्णीय प्रवेश रहेगा। साथ ही आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का जन्म शताब्दी वर्ष होने के नाते एवं 2023 में आचार्य श्री महाश्रमणजी के चातुर्मास को सिद्ध चातुर्मास बनाने के लिए भी इस दौरान तैयारी करके इसे और भी यादगार बनाना है। मुनिश्री ने एक कहानी के माध्यम से अध्यात्म व समर्पण के महत्व को समझाया जो काफी प्रेरणादायी था।
मुनिश्री अभिजीतकुमारजी ने कहा कि आज वर्किंग डे और दोपहर के समय इतनी बड़ी संख्या में लोगों का आना बहुत बड़ी बात है। आज का दिन अहम और आलस्य को त्यागने का दिन है। हमें संयम की शहनाई के साथ इस मौके का लाभ उठाना चाहिए।
मुनि जागृतकुमारजी ने कांदिवली भवन की गरिमा का बखान करते हुए कहा कि इस भवन का ऐतिहासिक महत्व रहा है। यहां कई संतों ने चातुर्मास किया जिनकी अपनी अलग विशेषता रही है। यह चातुर्मास युवा कनेक्ट का चातुर्मास होना चाहिए। इसमें 13 से 30 वर्ष उम्र के युवाओं को कनेक्ट करना चाहिये क्योंकि यह उम्र उनकी नींव रखने की उम्र होती है।
मुनिश्री अजीतकुमारजी ने कहा कि त्याग व तपस्या सभी को करना चाहिए और कांदिवली का चातुर्मास सभी को मिलकर ऐतिहासिक बनाना होगा।
अंत में प्रो. मुनि महेन्द्रकुमारजी ने फरमाया कि भगवान महावीर ने मोक्ष के चार मार्ग बताये हैं ज्ञान, दर्शन, चारित्र्य व तप। इसी तरह चातुर्मास के चार महीने में हमें उत्तरोत्तर मोक्ष की ओर इन चार चीजों का ध्यान रखकर आगे बढ़ना चाहिए। तीन का विकास थोड़ा कम हो तो भी चलेगा लेकिन दर्शन वह भी सम्यक दर्शन निरन्तर होना चाहिए क्योंकि यदि इसमें कमी रही तो कोई फायदा नहीं। इसलिये सभी श्रावक-श्राविका इनमें खूब अविवृद्धि करें।
चातुर्मास प्रवेश के इस मंगल अवसर पर तमाम श्रावक श्राविकाओं के साथ ही राजेन्द्र मुथा, महेश मेहता, भरत लोढा, राकेश धाकड़, जौहरीमल नवलखा, प्यारचंद मेहता, जयचंद सांखला, राजेन्द्र मुणोत, मीठालाल धाकड़, मुकेश चोरडिया, यशवंत सोनी, सुखलाल कच्छारा, पुखराज बोहरा, संजय मुणोत, ज्ञानचंद भंडारी, पारसमल दुगड़, योगेश कोठारी, गजेंद्र बापना, जितेंद्र कोठारी, गोरेगांव तेयुप के अध्यक्ष दिनेश बोहरा, प्रकाश मेहता, विकास बापना, धर्मेंद्र चोपड़ा, रमेश मेहता, हेमंत सिंघवी, अशोक हिरण, सुशील कच्छारा, कमलेश कोठारी, चिराग पामेचा, पारस खाब्या, बोरीवली, कांदिवली, गोरेगांव, दहिसर आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन सीए तरुणा बोहरा ने बहुत ही शानदार ढंग से किया, जो काफी सराहनीय रहा।